बुजुर्गों के लिए 8.1% की FD : पहले ये बाते पढ़े

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यह लेख में सीनियर सिटिज़न के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) ब्याज दरों, टैक्स नियमों और निवेश सुरक्षा संबंधी पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण है।


वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.1% तक ब्याज: फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने से पहले जानने योग्य बातें

भारत में वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक आयु के लोग) के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) अब भी एक भरोसेमंद और सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। हाल ही में कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFBs) ने पांच साल की अवधि के लिए 8% से अधिक ब्याज दरें घोषित की हैं। इनमें सुर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक, जना स्मॉल फाइनेंस बैंक और उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक प्रमुख हैं। इन बैंकों में सीनियर सिटिज़न को ब्याज दरों में अतिरिक्त लाभ भी दिया जाता है।


फिक्स्ड डिपॉजिट की वर्तमान ब्याज दरें

अक्टूबर 2025 तक, पैसाबाज़ार डॉट कॉम के अनुसार, निम्नलिखित बैंकों ने सीनियर सिटिज़न के लिए निर्धारित अवधि (5 वर्ष) की एफडी पर ये दरें पेश की हैं:

बैंक का नामब्याज दर (5 वर्ष)
सुर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक8.1%
जना स्मॉल फाइनेंस बैंक8.0%
उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक7.7%

इन दरों को देखकर स्पष्ट है कि स्मॉल फाइनेंस बैंक पारंपरिक वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में बेहतर रिटर्न दे रहे हैं। यह उनके बिजनेस मॉडल के कारण है जो अधिक जमा आकर्षित करने के लिए ऊंची ब्याज दरें प्रदान करते हैं।


स्मॉल फाइनेंस बैंक में निवेश करते समय सावधानियां

हालांकि स्मॉल फाइनेंस बैंक आकर्षक ब्याज दरें देते हैं, लेकिन इनके साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हैं। इन बैंकों की जमा राशि पर DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) की बीमा सीमा केवल ₹5 लाख तक है।

इसका मतलब है कि यदि बैंक किसी कारणवश दिवालिया हो जाता है, तो निवेशक को अधिकतम ₹5 लाख (मूलधन + ब्याज) तक ही सुरक्षा मिलेगी। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि:

  • स्मॉल फाइनेंस बैंक में केवल उतनी ही राशि रखें जो DICGC के अंतर्गत कवर हो।
  • निवेश को कई बैंकों में बांटें ताकि जोखिम कम हो।
  • यदि आपकी कुल जमा राशि अधिक है, तो शेड्यूल्ड वाणिज्यिक बैंकों में निवेश करें।

टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) के नियम

बैंकों को TDS काटना अनिवार्य है जब किसी व्यक्ति का एफडी ब्याज ₹1 लाख से अधिक हो जाता है (वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा है)। यह कटौती ब्याज पर की जाती है और इसे अतिरिक्त टैक्स नहीं माना जाता।

  • यदि आपका वास्तविक टैक्स दायित्व कम है या आप टैक्स छूट के पात्र हैं, तो TDS का रिफंड आईटीआर भरने के बाद मिल सकता है।
  • जिन वरिष्ठ नागरिकों की कुल वार्षिक आय टैक्सेबल सीमा से कम है, वे फॉर्म 15H जमा करके TDS कटौती से बच सकते हैं।

सेक्शन 87A के तहत टैक्स राहत

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नई टैक्स व्यवस्था में सेक्शन 87A के तहत ₹12 लाख तक की कुल आय पर टैक्स राहत दी गई है। इसका अर्थ यह है कि यदि किसी वरिष्ठ नागरिक की कुल आय ₹11 लाख है, तो उसे टैक्स नहीं देना होगा।

पुरानी टैक्स व्यवस्था में यह सीमा ₹5 लाख तक है। इसलिए वरिष्ठ नागरिक को यह तय करना चाहिए कि कौन‑सी प्रणाली उनके लिए अधिक लाभदायक है। यदि नई व्यवस्था में छूट अधिक मिलती है, तो उसी का चयन करें।


फॉर्म 15H का महत्व

फॉर्म 15H वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत उपयोगी दस्तावेज है। इसके कुछ प्रमुख लाभ:

  • यह बैंक को सूचित करता है कि आपकी आय टैक्स योग्य सीमा से कम है।
  • बैंक द्वारा TDS काटे जाने से बचाव होता है।
  • इसे हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में भरकर जमा करना चाहिए।

ध्यान दें कि यदि आप कई बैंकों में एफडी करवा रहे हैं, तो 15H फॉर्म हर बैंक में अलग से देना होगा।


निवेश जोखिम और सुरक्षा संतुलन

वरिष्ठ नागरिक निवेश निर्णय लेते समय जोखिम और रिटर्न दोनों को संतुलित करना चाहिए। स्मॉल फाइनेंस बैंक अधिक ब्याज दरें देते हैं, जबकि बड़े सार्वजनिक बैंक (जैसे SBI, PNB) ज्यादा सुरक्षित होते हैं, लेकिन ब्याज दरें कम मिलती हैं।

इसलिए एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाना सर्वोत्तम होगा:

  • 40–50% राशि बड़े बैंकों या पोस्ट ऑफिस एफडी में निवेश करें।
  • 30–40% राशि स्मॉल फाइनेंस बैंकों में, लेकिन DICGC सीमा के अंतर्गत।
  • शेष राशि सरकारी बचत योजनाओं जैसे सीनियर सिटिज़न सेविंग स्कीम (SCSS) या मासिक आय योजना (MIS) में लगाएं।

टैक्स प्लानिंग के साथ एफडी निवेश

एफडी से प्राप्त ब्याज पूरी तरह से टैक्स योग्य आय मानी जाती है। हालांकि, कुछ वैकल्पिक तरीके हैं जिससे टैक्स भार कम हो सकता है:

  • 5-वर्षीय टैक्स-सेविंग एफडी में निवेश करें, जो सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कटौती देती है।
  • यदि आपकी आय ₹12 लाख तक है (नई टैक्स व्यवस्था), तो सेक्शन 87A छूट का लाभ लें।
  • अपने ब्याज को सालाना न लेकर कंपाउंडिंग में रखें, ताकि आय का वितरण कई वित्त वर्षों में फैले।

क्यों वरिष्ठ नागरिकों के लिए एफडी उपयुक्त हैं?

एफडी का प्रमुख लाभ इसकी सुरक्षा और स्थिरता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह निवेश निम्न कारणों से आदर्श माना जाता है:

  • निश्चित रिटर्न की गारंटी
  • बाजार के उतार‑चढ़ाव से स्वतंत्र
  • मासिक या तिमाही ब्याज से नियमित आय
  • विभिन्न अवधियों में निवेश विभाजन की सुविधा

इसके अलावा, मानसिक शांति और जोखिम से बचाव की दृष्टि से भी यह सुरक्षित विकल्प है।


वैकल्पिक योजनाएं जिन पर विचार किया जा सकता है

फिक्स्ड डिपॉजिट के अलावा, वरिष्ठ नागरिक निम्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकते हैं:

  • सीनियर सिटिज़न सेविंग स्कीम (SCSS) – सरकारी गारंटी के साथ उच्च ब्याज दरें (~8.2% तक)।
  • पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (TD) – सुरक्षित और टैक्स-सेविंग विकल्प।
  • प्रधान मंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) – पेंशन जैसा लाभ देने वाली बीमा योजना।

इन योजनाओं से जोखिम और विविधता दोनों में संतुलन बनाए रखा जा सकता है।


निष्कर्ष

वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, जहां मुद्रास्फीति दर 5–6% के आसपास बनी हुई है, वहां 8% से अधिक ब्याज दर वाली एफडी वरिष्ठ नागरिकों के लिए अच्छा सौदा है। हालांकि, निवेश करते समय सुरक्षा, बीमा कवरेज (DICGC), और टैक्स जरूरतों को ध्यान में रखना आवश्यक है।

सुर्योदय, जना और उत्कर्ष जैसे स्मॉल फाइनेंस बैंक फिलहाल आकर्षक रिटर्न दे रहे हैं, लेकिन उनमें जमा राशि को ₹5 लाख तक सीमित रखना समझदारी होगी। इसके साथ ही, टैक्स बचत के लिए फॉर्म 15H का उपयोग और सेक्शन 87A की योजना का लाभ उठाना भी चाहिए।

इस तरह योजनाबद्ध निवेश न केवल आपकी पूंजी को सुरक्षित रखेगा, बल्कि आपको स्थिर ब्याज आय और टैक्स में लाभ भी प्रदान करेगा।


  1. https://economictimes.indiatimes.com/wealth/invest/fd-rate-up-to-8-1-for-senior-citizens-investing-for-five-years-know-full-list-of-banks/articleshow/124797431.cms

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