अब रुके बिना चार्ज होगी ये इलेक्ट्रॉनिक कार

इलेक्ट्रिक गाड़ी अब चलते-चलते चार्ज होगी: फ्रांस की क्रांतिकारी सड़कों की कहानी

पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ भारत सहित दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही हैं। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत EV (Electric Vehicle) यूजर्स को चार्जिंग के समय का सामना करना पड़ता है। घटती बैटरी, चार्जिंग पॉइंट खोजने की टेंशन और घंटों इंतजार—ये समस्याएँ अक्सर EV का इस्तेमाल मुश्किल बना देती थीं। अब, फ्रांस ने एक ऐसा हल निकाला है, जो भविष्य में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के सफर को पूरी तरह से बदल देगा। आइए जानते हैं आसान भाषा में, किस तरह यह तकनीक EV चार्जिंग की बड़ी समस्या दूर कर रही है।

EV चार्जिंग के झंझट की जड़…

आज के दौर में जब आप इलेक्ट्रिक व्हीकल चलाते हैं, तो सबसे पहले आपके मन में चार्जिंग का ही सवाल उठता है। देश में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या अभी कम है। हर बार चार्जिंग के लिए रुकना पड़ता है और बैटरी पूरी चार्ज होने में कई घंटे लग जाते हैं। ऐसे में अगर आपके पास लंबा सफर है तो बैटरी की रेंज को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है।

चलती गाड़ी को चार्ज करने का अनोखा तरीका

अब सोचिए अगर आपकी गाड़ी सड़कों पर चलती-चलती ही चार्ज हो जाये, आपको रुके बिना EV ड्राइव करने की पूरी आजादी मिल जाए—ऐसा सच होने जा रहा है। फ्रांस ने दुनिया का पहला डायनामिक वायरलेस चार्जिंग मोटरवे बनाया है, जिसमें EV को चलते समय चार्ज किया जाता है। मतलब EV चलाते हुए उसमें रुकने की कोई जरूरत नहीं। टेक्नोलॉजी का नाम है “डायनामिक इंडक्शन चार्जिंग सिस्टम”।

कैसे काम करती है ये टेक्नोलॉजी?

इसमें सड़कों की सतह के नीचे खास तरह की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉइल्स लगाई जाती हैं। जब इलेक्ट्रिक गाड़ी इन कॉइल्स के ऊपर से गुजरती है, तो एक मैग्नेटिक फील्ड बनता है। इसी फील्ड के जरिये बिजली गाड़ी के बैटरी या मोटर तक पहुंचती है। यह ठीक उसी तरह है जैसे आप वायरलेस फोन चार्जर या वायरलेस लैम्प का इस्तेमाल करते हैं। फर्क बस इतना है कि यहाँ आपको गाड़ी रोकने की जरूरत नहीं।

  • सड़क के नीचे छुपी कॉइल्स: सड़कों की सतह के नीचे लंबी-लंबी कॉइल्स बिछायी जाती हैं।
  • सिग्नल और रिसीवर सिस्टम: गाड़ी में लगे रिसीवर को सड़कों से सिंक्रोनाईज किया जाता है जिससे चलती गाड़ी को बिजली मिलती रहती है।
  • डायनामिक पावर ट्रांसफर: गाड़ी के गुजरते ही पावर ट्रांसफर होता है और बैटरी या मोटर तक पहुंचता है।

फ्रांस का पहला EV चार्जिंग मोटरवे

फ्रांस के पेरिस शहर से 40 किमी दक्षिण पश्चिम में A10 मोटरवे पर यह टेक्नोलॉजी लगाई गई है। इस प्रोजेक्ट का नाम है “चार्ज एस यू ड्राई”। इस हाईवे सेक्शन की लंबाई लगभग 1.5 किमी है और सड़कों के नीचे कॉइल्स बिछाई गई हैं। यहां पर ट्रक, बस, पैसेंजर कार और कई यूटिलिटी व्हीकल पूरी तरह से बिना रुके चार्ज हो सकते हैं।

शुरुआती टेस्ट की सफलता

इस डायनामिक वायरलेस सिस्टम ने शुरुआती टेस्ट में शानदार काम किया है। सिस्टम ने पीक पावर में 300 किलोवाट से ज्यादा और औसतन 200 किलोवाट एनर्जी ट्रांसफर करने का कमाल दिखाया। मतलब, गाड़ी की जरूरत के हिसाब से तेज चार्जिंग मिल जाती है।

किन-किन देशों में हो रहे ट्रायल?

फ्रांस के अलावा जर्मनी, स्वीडन, अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और इजरायल में भी इसी तकनीक पर ट्रायल चल रहे हैं।:

  • जर्मनी: A6 मोटरवे पर इलेक्ट्रॉन कंपनी डायनामिक चार्जिंग सिस्टम का ट्रायल करने वाली है।
  • इटली: लोंबडी एरिया में Arena del Futuro प्रोजेक्ट ट्रकों और बसों के लिए इसी तरह का चार्जिंग सिस्टम ट्रायल कर रहा है।
  • अमेरिका, चीन, कोरिया, इजरायल: अपने-अपने शहरों में तकनीक का परीक्षण और लागू करने की योजनाएँ चल रही हैं।

व्यवस्थाओं की तुलना

परंपरागत चार्जिंग स्टेशन्सडायनामिक वायरलेस चार्जिंग
गाड़ी को रोकना जरूरीबिना रुके गाड़ी चार्ज
चार्जिंग समय ज्यादासफर के दौरान ही चार्जिंग
बैटरी बड़ी, वजन ज्यादाहल्की बैटरी काम आएगी
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर महंगासड़कों से ही एनर्जी मिलेगी

क्या हैं इसके मुख्य फायदे?

  • रुकने की जरूरत नहीं: सफर के दौरान ही बैटरी चार्ज होती रहेगी, जिससे लॉन्ग ड्राइव आसान हो जाएगी।
  • बैटरी छोटी, वजन कम: हल्की और छोटी बैटरी काम में ली जा सकेगी, जिससे गाड़ी का वजन कम और लोडिंग क्षमता बढ़ेगी।
  • संसाधनों की बचत: बैटरी की लागत घटेगी, लिथियम और कोबाल्ट जैसे आयातित खनिजों की जरूरत कम होगी।
  • लॉजिस्टिक सेक्टर में क्रांति: ट्रक, बस जैसे भारी वाहन चलते समय एनर्जी ले पाएंगे, जिससे लागत भी घटेगी और कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
  • चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत: शहरों में जाम और लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा।

एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

  • Vinci Autoroutes के CEO निकोलस नॉटबेयर और कई अन्य एक्सपर्ट्स ने इस तकनीक को क्रांतिकारी बताया है।
  • अगर यह टेक्नोलॉजी मेन रोड नेटवर्क पर चार्जिंग स्टेशनों के साथ लागू होती है, तो भारी वाहनों का इलेक्ट्रिफिकेशन कई गुना तेज हो जाएगा।
  • Electron कंपनी के CEO ओरेन एजर ने इसे EV रोड टेक्नोलॉजी के इतिहास का निर्णायक मोड़ बताया है। उनकी राय में इतनी Sustainability और पावर के साथ डायनामिक चार्जिंग दुनिया में और कहीं नहीं मिलती।

सुरक्षित और टिकाऊ तकनीक

  • प्रोजेक्ट के पहले चरण में लैब टेस्टिंग के बाद, रियल ट्रैफिक सिचुएशन में तकनीक का परीक्षण हो चुका है।
  • वैज्ञानिक सड़क की मजबूती, बिजली ट्रांसफर, मेन्टेनेंस और वास्तविक लागत के डाटा को इकट्ठा कर रहे हैं।
  • अगर टेस्ट सफल रहे तो आने वाले सालों में हजारों किलोमीटर रोड पर यह तकनीक लागू की जा सकती है।

भविष्य का रोडमैप

  • अगर डायनामिक वायरलेस चार्जिंग तकनीक सफल होती है, तो EV के प्रयोग को तेजी से बढ़ावा मिलेगा।
  • भविष्‍य में सड़कों का रोल केवल रास्ता देने का नहीं, बल्कि एनर्जी सोर्स बनने का भी होगा।
  • EV इकोसिस्टम में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, जिससे लोग खुले मन से इलेक्ट्रिक व्हीकल पर स्विच कर सकेंगे।

निष्कर्ष

डायनामिक वायरलेस चार्जिंग की बदौलत अब EV ड्राइव करने में चार्जिंग की टेंशन खत्म हो रही है। फ्रांस की सड़कों पर शुरू हुई यह क्रांतिकारी तकनीक और देशों में धीरे-धीरे फैल रही है। आने वाले वक्त में, हमारा सफर पहले से सस्ता, तेज़ और ज्यादा इको-फ्रेंडली होगा।

EV क्रांति में भारत कब शामिल होगा?

अब सवाल है कि भारत कब इस तकनीक को अपनाएगा। देश में EV का मार्केट तो तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़कों की क्वालिटी और टेक्निकल फैसिलिटीज पर अभी भी काम होना बाकी है। उम्मीद की जा रही है कि जैसे-जैसे सरकारी स्कीम्स और प्राइवेट इनवेस्टमेंट बढ़ेंगे, वैसे-वैसे भारत में भी डायनामिक वायरलेस चार्जिंग सड़कों का सपना हकीकत बन सकेगा। यह क्रांति भविष्य को और साफ-सुथरा, ग्रीन और सस्टेनेबल बनाएगी।


यह लेख आसान भाषा में आपको EV चलते-चलते चार्जिंग की नयी तकनीक के बारे में जानकारी देता है। EV मालिकों के लिए यह सबसे बड़ा गिफ्ट साबित हो सकती है। जल्द ही सफर और बैटरी की चिंता दूर होगी, बस रफ्तार में रहिए!

  1. https://www.youtube.com/watch?v=WMboAAy7QVM

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