सतीप्रथा उचित है या अनुचित ?
प्रश्न- सतीप्रथा उचित है या अनुचित ? उत्तर-सती होना ‘प्रथा’ है ही नहीं। पतिके साथ जल जाना सती होना नहीं है। जिसके मनमें सत् आ जाता है, उत्साह आ जाता…
प्रश्न- सतीप्रथा उचित है या अनुचित ? उत्तर-सती होना ‘प्रथा’ है ही नहीं। पतिके साथ जल जाना सती होना नहीं है। जिसके मनमें सत् आ जाता है, उत्साह आ जाता…
गाय का दूध पीना चाहिए या भैंस का ? ऐसे ही दूधका भी असर प्राणियोंपर पड़ता है । एक बार किसीने परीक्षाके लिये कुछ घोड़ोंको भैंसका दूध और कुछ घोड़ोंको…
गाय का दूध पीना चाहिए या भैंस का ? ऐसे ही दूधका भी असर प्राणियोंपर पड़ता है । एक बार किसीने परीक्षाके लिये कुछ घोड़ोंको भैंसका दूध और कुछ घोड़ोंको…
प्रश्न – पतिव्रता, साध्वी और सती किसे कहते हैं? उत्तर-यद्यपि शब्दकोशके अनुसार पतिव्रता, साध्वी सती-तीनों नाम एक ही अर्थ में हैं, तथापि तीनों में भेद किया जाय तो पति के…
प्रश्न – पतिव्रता, साध्वी और सती किसे कहते हैं? उत्तर-यद्यपि शब्दकोशके अनुसार पतिव्रता, साध्वी सती-तीनों नाम एक ही अर्थ में हैं, तथापि तीनों में भेद किया जाय तो पति के…
प्रश्न-क्या स्त्री को साधु-संन्यासी बनना उचित है? उत्तर-पुरुष को तो यह अधिकार है कि उसको संसार से वैराग्य हो जाय तो वह घर आदि का त्याग करके, विरक्त होकर भजन-स्मरण…
प्रश्न-क्या स्त्री को साधु-संन्यासी बनना उचित है? उत्तर-पुरुष को तो यह अधिकार है कि उसको संसार से वैराग्य हो जाय तो वह घर आदि का त्याग करके, विरक्त होकर भजन-स्मरण…
प्रश्न- कन्या विवाह न करके साधन-भजन में ही जीवन बिताना चाहे तो क्या यह ठीक है? उत्तर-कन्याके लिये विवाह न करना उचित नहीं है; क्यों वह स्वतन्त्र रहकर अपना जीवन-निर्वाह…
प्रश्न- कन्या विवाह न करके साधन-भजन में ही जीवन बिताना चाहे तो क्या यह ठीक है? उत्तर-कन्याके लिये विवाह न करना उचित नहीं है; क्यों वह स्वतन्त्र रहकर अपना जीवन-निर्वाह…
क्यों रोजाना सुबह गंगाजलका चरणामृत लेना चाहिये परमात्माके सिवाय दूसरी कोई चीज हमारी थी नहीं, है नहीं, होगी नहीं, हो सकती नहीं । वह परमात्मा सब जगह है‒यह बात दिनमें…
क्यों रोजाना सुबह गंगाजलका चरणामृत लेना चाहिये परमात्माके सिवाय दूसरी कोई चीज हमारी थी नहीं, है नहीं, होगी नहीं, हो सकती नहीं । वह परमात्मा सब जगह है‒यह बात दिनमें…
यह काम करो, ऐशो आराम, मान सत्कार बड़ाई मुफ्त में मिलेगी घरों में बहनें, माताएँ, भाई, बच्चे, छोटे-बड़े सब काम करते हैं; परंतु बड़ी भारी भूल होती है यह कि…
यह काम करो, ऐशो आराम, मान सत्कार बड़ाई मुफ्त में मिलेगी घरों में बहनें, माताएँ, भाई, बच्चे, छोटे-बड़े सब काम करते हैं; परंतु बड़ी भारी भूल होती है यह कि…
प्रश्न-क्या कन्या स्वयंवर कर सकती है? उत्तर- शास्त्रों में स्वयंवर की बात आती है, परन्तु जिन्होंने स्वयंवर किया है, उन्होंने कष्ट ही उठाया है। सीता, द्रौपदी, दमयन्ती आदिने स्वयंवर किया…
प्रश्न-क्या कन्या स्वयंवर कर सकती है? उत्तर- शास्त्रों में स्वयंवर की बात आती है, परन्तु जिन्होंने स्वयंवर किया है, उन्होंने कष्ट ही उठाया है। सीता, द्रौपदी, दमयन्ती आदिने स्वयंवर किया…
प्रश्न-माँ-बापका कोई सहारा न रहे तो ऐसी अवस्थामें विवाहित पुत्री माँ-बापका पालन कर सकती है या नहीं ? उत्तर- वह असहाय माँ-बापकी सेवा कर सकती है। यदि विवाहित पुत्रीकी सन्तान…
प्रश्न-माँ-बापका कोई सहारा न रहे तो ऐसी अवस्थामें विवाहित पुत्री माँ-बापका पालन कर सकती है या नहीं ? उत्तर- वह असहाय माँ-बापकी सेवा कर सकती है। यदि विवाहित पुत्रीकी सन्तान…
प्रश्न-पुत्री (कन्या) तो पतिके घर चली जाती है, तो फिर वह माँ-बाप की सेवा कैसे कर सकती है और सेवा किये बिना माँ-बापका ऋण माफ कैसे हो सकता है? उत्तर-जैसे,…
प्रश्न-पुत्री (कन्या) तो पतिके घर चली जाती है, तो फिर वह माँ-बाप की सेवा कैसे कर सकती है और सेवा किये बिना माँ-बापका ऋण माफ कैसे हो सकता है? उत्तर-जैसे,…
प्रश्न- अगर घरमें माँका कोई न रहा हो तो उस अवस्थामें साधु-संन्यासी बना हे अधिकार नहीं है लड़का माँका पालन कर सकता है या नहीं ? उत्तर- माँका कोई आधार…
प्रश्न- अगर घरमें माँका कोई न रहा हो तो उस अवस्थामें साधु-संन्यासी बना हे अधिकार नहीं है लड़का माँका पालन कर सकता है या नहीं ? उत्तर- माँका कोई आधार…
प्रश्न- अगर कोई साधु-संन्यासी बनकर रुपये इकट्ठा करता है और माता-पिता, स्त्री-पुत्रोंको रुपये भेजता है, उनका पालन-पोषण करता है तो क्या उसको दोष लगेगा ? उत्तर- जो साधु-संन्यासी बनकर माँ-बाप…
प्रश्न- अगर कोई साधु-संन्यासी बनकर रुपये इकट्ठा करता है और माता-पिता, स्त्री-पुत्रोंको रुपये भेजता है, उनका पालन-पोषण करता है तो क्या उसको दोष लगेगा ? उत्तर- जो साधु-संन्यासी बनकर माँ-बाप…
प्रश्न-दो-चार लड़के हों और उनमें से कोई साधु-संन्यासी बन जाय तो कोई बात नहीं, पर किसीका एक ही लड़का हो, वह साधु-संन्यासी बन जाय तो उसके माता-पिता किसके सहारे जियें…
प्रश्न-दो-चार लड़के हों और उनमें से कोई साधु-संन्यासी बन जाय तो कोई बात नहीं, पर किसीका एक ही लड़का हो, वह साधु-संन्यासी बन जाय तो उसके माता-पिता किसके सहारे जियें…
प्रश्न- जब माता-पिताकी सेवा का इतना माहात्म्य है तो उनकी सेवाको छोड़कर मनुष्य साधु-संन्यासी क्यों हो जाते हैं। उत्तर- जैसे कोई मर जाता है तो वह माता-पिताकी सेवकह छोड़कर ही…
प्रश्न- जब माता-पिताकी सेवा का इतना माहात्म्य है तो उनकी सेवाको छोड़कर मनुष्य साधु-संन्यासी क्यों हो जाते हैं। उत्तर- जैसे कोई मर जाता है तो वह माता-पिताकी सेवकह छोड़कर ही…
प्रश्न- माता-पिताकी सेवा से क्या लाभ है? उत्तर- माता-पिताकी सेवासे लोक-परलोक दोनों सुधरते हैं, भगवान् प्रसन्न होते हैं। जो माता-पिताकी सेवा नहीं करते, उनपर भगवान् विश्वास नहीं करते कि यह…
प्रश्न- माता-पिताकी सेवा से क्या लाभ है? उत्तर- माता-पिताकी सेवासे लोक-परलोक दोनों सुधरते हैं, भगवान् प्रसन्न होते हैं। जो माता-पिताकी सेवा नहीं करते, उनपर भगवान् विश्वास नहीं करते कि यह…
प्रश्न- माता का दर्जा ऊँचा है या पिताका ? और ऊँचा होने में क्या कारण है? उत्तर- ऊँचा दर्जा माँका ही है। माँका दर्जा पितासे सौ गुरु अधिक बताया गया…
प्रश्न- माता का दर्जा ऊँचा है या पिताका ? और ऊँचा होने में क्या कारण है? उत्तर- ऊँचा दर्जा माँका ही है। माँका दर्जा पितासे सौ गुरु अधिक बताया गया…
प्रश्न – गोस्वामी तुलसीदासजीने कहा है- जाके प्रिय न राम-बैदेही। तजिये ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही ।। तज्यो पिता प्रह्लाद, बिभीषन बंधु, भरत महतारी। बलि गुरु तज्यो, कंत…
प्रश्न – गोस्वामी तुलसीदासजीने कहा है- जाके प्रिय न राम-बैदेही। तजिये ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही ।। तज्यो पिता प्रह्लाद, बिभीषन बंधु, भरत महतारी। बलि गुरु तज्यो, कंत…
प्रश्न- माता-पिता अनुचित, निषिद्ध कर्म करनेकी आज्ञा दें तो पुत्रको क्या करना चाहिये ? उत्तर – अनुचित आज्ञा दो तरह की होती है- (१) ‘अमुक को मार दो’ आदि दूसरोंका…
प्रश्न- माता-पिता अनुचित, निषिद्ध कर्म करनेकी आज्ञा दें तो पुत्रको क्या करना चाहिये ? उत्तर – अनुचित आज्ञा दो तरह की होती है- (१) ‘अमुक को मार दो’ आदि दूसरोंका…
प्रश्न – अगर माता-पिता पुत्र के साथ कठोरता का बर्ताव करें; पक्षपात करें तो उस पुत्रको क्या करना चाहिये ? उत्तर-उस पुत्रको माँ-बापका कर्तव्य नहीं देखना चाहिये उसको तो अपना…
प्रश्न – अगर माता-पिता पुत्र के साथ कठोरता का बर्ताव करें; पक्षपात करें तो उस पुत्रको क्या करना चाहिये ? उत्तर-उस पुत्रको माँ-बापका कर्तव्य नहीं देखना चाहिये उसको तो अपना…
प्रश्न – माता-पिता ने बचपनमें ही बच्चोंको अच्छी शिक्षा नहीं दी; अतः पुत्र माता-पिताकी सेवा नहीं करते तो इसमें पुत्रों का क्या दोष ? उत्तर-माता-पिताके द्वारा अच्छी शिक्षा नहीं दी…
प्रश्न – माता-पिता ने बचपनमें ही बच्चोंको अच्छी शिक्षा नहीं दी; अतः पुत्र माता-पिताकी सेवा नहीं करते तो इसमें पुत्रों का क्या दोष ? उत्तर-माता-पिताके द्वारा अच्छी शिक्षा नहीं दी…
प्रश्न- कहा गया है कि यह शरीर हमारे कर्मोंसे, भाग्य से मिला है- ‘बड़े भाग मानुष तनु पावा’; और भगवान्ने विशेष कृपा करके मनुष्य-शरीर दिया है- ‘कबहुँक देही। देत ईस…
प्रश्न- कहा गया है कि यह शरीर हमारे कर्मोंसे, भाग्य से मिला है- ‘बड़े भाग मानुष तनु पावा’; और भगवान्ने विशेष कृपा करके मनुष्य-शरीर दिया है- ‘कबहुँक देही। देत ईस…
प्रश्न- मनुष्य माता-पिताकी सेवाको भगवत्प्राप्तिका साधन मानता है, साध्य नहीं मानता। अगर वह माता-पिताकी सेवा को ही साध्य मानेगा, अपने प्राणों का आधार मानेगा तो उसका माता-पिता के चरणों में…
प्रश्न- मनुष्य माता-पिताकी सेवाको भगवत्प्राप्तिका साधन मानता है, साध्य नहीं मानता। अगर वह माता-पिताकी सेवा को ही साध्य मानेगा, अपने प्राणों का आधार मानेगा तो उसका माता-पिता के चरणों में…
प्रश्न- माता-पिता ने हमें जन्म देकर संसार-बन्धन में डाल दिया, आफत में डाल दिया; फिर हमारे पर उनका ऋण कैसे ? उत्तर- यह बात बिलकुल गलत है। माता-पिताने तो मनुष्य-शरीर…
प्रश्न- माता-पिता ने हमें जन्म देकर संसार-बन्धन में डाल दिया, आफत में डाल दिया; फिर हमारे पर उनका ऋण कैसे ? उत्तर- यह बात बिलकुल गलत है। माता-पिताने तो मनुष्य-शरीर…
प्रश्न- मेरा ऐसा पुत्र हो जाय, उसका कल्याण हो जाय-इस उद्देश्यसे माँ-बापने थोड़े ही संग किया ! उन्होंने तो अपने सुखके लिये संग किया। हम पैदा हो गये तो हमारेपर…
प्रश्न- मेरा ऐसा पुत्र हो जाय, उसका कल्याण हो जाय-इस उद्देश्यसे माँ-बापने थोड़े ही संग किया ! उन्होंने तो अपने सुखके लिये संग किया। हम पैदा हो गये तो हमारेपर…
प्रश्न- माता-पिताकी सेवा का तात्पर्य क्या है? उत्तर-माता-पिताकी सेवा का तात्पर्य कृतज्ञता में है। माता- पिताने बच्चेके लिये जो कष्ट सहे हैं उसका पुत्रपर ऋण है। उस ऋणको पुत्र कभी…
प्रश्न- माता-पिताकी सेवा का तात्पर्य क्या है? उत्तर-माता-पिताकी सेवा का तात्पर्य कृतज्ञता में है। माता- पिताने बच्चेके लिये जो कष्ट सहे हैं उसका पुत्रपर ऋण है। उस ऋणको पुत्र कभी…
सन्तान का कर्तव्य माता च कमला देवी पिता देवो जनार्दनः । बान्धवा विष्णुभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम् ॥ स्तव में भगवान् लक्ष्मी-नारायण ही सबके माता-पिता हैं। इस दृष्टि से संसार में हमारे…
सन्तान का कर्तव्य माता च कमला देवी पिता देवो जनार्दनः । बान्धवा विष्णुभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम् ॥ स्तव में भगवान् लक्ष्मी-नारायण ही सबके माता-पिता हैं। इस दृष्टि से संसार में हमारे…
प्रश्न- क्या दहेज लेना पाप है? उत्तर-हाँ, पाप है। प्रश्न – अगर पाप है तो फिर शास्त्रोंमें इसका विधान क्यों है? उत्तर- शास्त्रोंमें केवल दहेज देनेका विधान है, लेनेका विधान…
प्रश्न- क्या दहेज लेना पाप है? उत्तर-हाँ, पाप है। प्रश्न – अगर पाप है तो फिर शास्त्रोंमें इसका विधान क्यों है? उत्तर- शास्त्रोंमें केवल दहेज देनेका विधान है, लेनेका विधान…
प्रश्न – पुत्र-पुत्री के विवाहके लिये माता-पिताको क्या करना चाहिये ? उत्तर- मुख्य बात तो यह है कि पुत्र और पुत्रीका जैसा भाग्य होगा, वैसा ही होगा। परन्तु माता-पिताका कर्तव्य…
प्रश्न – पुत्र-पुत्री के विवाहके लिये माता-पिताको क्या करना चाहिये ? उत्तर- मुख्य बात तो यह है कि पुत्र और पुत्रीका जैसा भाग्य होगा, वैसा ही होगा। परन्तु माता-पिताका कर्तव्य…
प्रश्न- बच्चों को ईसाई-स्कूलों में शिक्षा दिलानी चाहिये या नहीं ? उत्तर- ईसाई-स्कूलोंमें बच्चोंको पढ़ाओगे तो वे घरमें रह हुए भी ईसाई बन जायँगे अर्थात् आपके बच्चे ऊपरसे हिन्दू भीतरसे…
प्रश्न- बच्चों को ईसाई-स्कूलों में शिक्षा दिलानी चाहिये या नहीं ? उत्तर- ईसाई-स्कूलोंमें बच्चोंको पढ़ाओगे तो वे घरमें रह हुए भी ईसाई बन जायँगे अर्थात् आपके बच्चे ऊपरसे हिन्दू भीतरसे…
प्रश्न – आज कल स्कूलोंका वातावरण अच्छा नहीं है; अतः बच्चों की शिक्षा के लिये क्या करना चाहिये ? उत्तर- बच्चे को प्रतिदिन घरमें शिक्षा देनी चाहिये। उसको ऐसी कहानियाँ…
प्रश्न – आज कल स्कूलोंका वातावरण अच्छा नहीं है; अतः बच्चों की शिक्षा के लिये क्या करना चाहिये ? उत्तर- बच्चे को प्रतिदिन घरमें शिक्षा देनी चाहिये। उसको ऐसी कहानियाँ…
प्रश्न – बालकों को शिक्षा कैसे दी जाय, जिससे वे श्रेष्ठ बन जायँ ? उत्तर- बालक प्रायः देखकर ही सीखते हैं। इसलिये माता- धानके पिताको चाहिये कि वे उनके सामने…
प्रश्न – बालकों को शिक्षा कैसे दी जाय, जिससे वे श्रेष्ठ बन जायँ ? उत्तर- बालक प्रायः देखकर ही सीखते हैं। इसलिये माता- धानके पिताको चाहिये कि वे उनके सामने…
प्रश्न-पिताकी आत्मा ही पुत्रके रूपमें आती है-इसका क्या तात्पर्य है? उत्तर- जैसे कोई किसी ब्राह्मणको अपना कुलगुरु मानता है, कोई यज्ञोपवीत देनेवालेको गुरु मानता है; परन्तु उनका शरीर न रहे…
प्रश्न-पिताकी आत्मा ही पुत्रके रूपमें आती है-इसका क्या तात्पर्य है? उत्तर- जैसे कोई किसी ब्राह्मणको अपना कुलगुरु मानता है, कोई यज्ञोपवीत देनेवालेको गुरु मानता है; परन्तु उनका शरीर न रहे…
प्रश्न- माता-पिताके आचरण तो अच्छे नहीं हैं, पर उनको सन्तान अच्छी निकलती है- इसका क्या कारण है? उत्तर- प्रायः माँ-बाप का स्वभाव ही सन्तान में आता है, पर ऋणानुबन्ध से…
प्रश्न- माता-पिताके आचरण तो अच्छे नहीं हैं, पर उनको सन्तान अच्छी निकलती है- इसका क्या कारण है? उत्तर- प्रायः माँ-बाप का स्वभाव ही सन्तान में आता है, पर ऋणानुबन्ध से…
प्रश्न – माता-पिता के आचरण, भाव आदि तो बड़े अच्छे हैं, पर उनकी सन्तान अच्छी नहीं निकलती – इसका क्या कारण है? उत्तर-इसमें खास कारण संग-दोष अर्थात् बालकको अच्छा संग…
प्रश्न – माता-पिता के आचरण, भाव आदि तो बड़े अच्छे हैं, पर उनकी सन्तान अच्छी नहीं निकलती – इसका क्या कारण है? उत्तर-इसमें खास कारण संग-दोष अर्थात् बालकको अच्छा संग…
प्रश्न – आदर्श सन्तान कैसे उत्पन्न हो ? उत्तर-आदर्श सन्तान तभी उत्पन्न हो सकती है, जब माता-पिताके आचरण, भाव आदर्श हों और सन्तानकी उत्पत्ति केवल पितृऋणसे मुक्त होनेके लिये ही…
प्रश्न – आदर्श सन्तान कैसे उत्पन्न हो ? उत्तर-आदर्श सन्तान तभी उत्पन्न हो सकती है, जब माता-पिताके आचरण, भाव आदर्श हों और सन्तानकी उत्पत्ति केवल पितृऋणसे मुक्त होनेके लिये ही…
प्रश्न – यह बात तो प्रत्यक्ष है कि हम पूरा टैक्स देते हैं तो धन चला जाता है और टैक्स पूरा नहीं देते, छिपा लेते हैं तो धन बच जाता…
प्रश्न – यह बात तो प्रत्यक्ष है कि हम पूरा टैक्स देते हैं तो धन चला जाता है और टैक्स पूरा नहीं देते, छिपा लेते हैं तो धन बच जाता…
प्रश्न- आजकल सरकारी कानून ऐसे हैं कि हम सच्चाई से धन कमा नहीं सकते; अतः क्या करना चाहिये ? उत्तर – सरकारी कानूनसे बचनेका उपाय है- अपना खर्चा हो कम…
प्रश्न- आजकल सरकारी कानून ऐसे हैं कि हम सच्चाई से धन कमा नहीं सकते; अतः क्या करना चाहिये ? उत्तर – सरकारी कानूनसे बचनेका उपाय है- अपना खर्चा हो कम…
प्रश्न – गृहस्थ को जीवन-निर्वाह के लिये धन कैसे कमाना चाहिये ? उत्तर-गृहस्थको शरीरसे परिश्रम करके और ‘दूसरे हक न आ जाय’ ऐसी सावधानी रखकर धन कमाना चाहिये जितना धन…
प्रश्न – गृहस्थ को जीवन-निर्वाह के लिये धन कैसे कमाना चाहिये ? उत्तर-गृहस्थको शरीरसे परिश्रम करके और ‘दूसरे हक न आ जाय’ ऐसी सावधानी रखकर धन कमाना चाहिये जितना धन…
प्रश्न-घर की छत पर या दीवारपर पीपल लग जाय। उसको हटाना चाहिये या नहीं ? उत्तर-उसको उखाड़कर चौराहेमें या मन्दिरके साम अथवा गलीमें अच्छी जगह लगा देना चाहिये और उसको…
प्रश्न-घर की छत पर या दीवारपर पीपल लग जाय। उसको हटाना चाहिये या नहीं ? उत्तर-उसको उखाड़कर चौराहेमें या मन्दिरके साम अथवा गलीमें अच्छी जगह लगा देना चाहिये और उसको…
प्रश्न – खेत आदि की रक्षा के लिये कुत्ता रखा जाय तो क्या हानि है? उत्तर-कुत्तेको केवल खेत आदिकी रक्षाके लिये ही रखे। समय-समयपर उसको रोटी दे, पर अपनेसे उसको…
प्रश्न – खेत आदि की रक्षा के लिये कुत्ता रखा जाय तो क्या हानि है? उत्तर-कुत्तेको केवल खेत आदिकी रक्षाके लिये ही रखे। समय-समयपर उसको रोटी दे, पर अपनेसे उसको…
प्रश्न-घर में कुत्ता पालना चाहिये या नहीं ? उत्तर- घरमें कुत्ता नहीं रखना चाहिये। कुत्ते का पालन करने वाला नरक में जाता है. महाभारत में आया है कि जब पाण्डव…
प्रश्न-घर में कुत्ता पालना चाहिये या नहीं ? उत्तर- घरमें कुत्ता नहीं रखना चाहिये। कुत्ते का पालन करने वाला नरक में जाता है. महाभारत में आया है कि जब पाण्डव…
प्रश्न – घरमें चूहे, छिपकली, मच्छर, खटमल आदि जीवोंके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये ? उत्तर-घरमें रहनेवाले चूहे आदिको भी अपने घरका सदस्य मानना चाहिये; क्योंकि वे भी अपना घर…
प्रश्न – घरमें चूहे, छिपकली, मच्छर, खटमल आदि जीवोंके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये ? उत्तर-घरमें रहनेवाले चूहे आदिको भी अपने घरका सदस्य मानना चाहिये; क्योंकि वे भी अपना घर…
प्रश्न- नौकरके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये ? उत्तर- नौकरके साथ अपने बालककी तरह बर्ताव कर घरम चाहिये। नौकर दो तरहसे रखा जाता है- (१) नौकर तात्प तनखाह भी देते…
प्रश्न- नौकरके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये ? उत्तर- नौकरके साथ अपने बालककी तरह बर्ताव कर घरम चाहिये। नौकर दो तरहसे रखा जाता है- (१) नौकर तात्प तनखाह भी देते…
प्रश्न – गृहस्थ को अपने पड़ोसी के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये ? उत्तर-पड़ोसी को अपने परिवार का ही सदस्य मानना नोजन चाहिये। यह अपना है और यह पराया है-ऐसा…
प्रश्न – गृहस्थ को अपने पड़ोसी के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये ? उत्तर-पड़ोसी को अपने परिवार का ही सदस्य मानना नोजन चाहिये। यह अपना है और यह पराया है-ऐसा…
प्रश्न- गृहस्थ का धर्म तो पहले संन्यासी आदि को भोजन देनेका है और संन्यासी का धर्म गृहस्थ के भोजन करने के बाद भिक्षा के लिये जानेका है, तो दोनों बातें…
प्रश्न- गृहस्थ का धर्म तो पहले संन्यासी आदि को भोजन देनेका है और संन्यासी का धर्म गृहस्थ के भोजन करने के बाद भिक्षा के लिये जानेका है, तो दोनों बातें…
प्रश्न – गृहस्थ को अतिथिके साथ कैसा बर्ताव करना चाहिये? इन उत्तर-अतिथिका अर्थ है- जिसके आनेकी कोई तिथि, निश्चित समय न हो। अतिथि सेवाकी मुख्यता गृहस्थ-आश्रममें ही है। दो नम्बरमें…
प्रश्न – गृहस्थ को अतिथिके साथ कैसा बर्ताव करना चाहिये? इन उत्तर-अतिथिका अर्थ है- जिसके आनेकी कोई तिथि, निश्चित समय न हो। अतिथि सेवाकी मुख्यता गृहस्थ-आश्रममें ही है। दो नम्बरमें…
प्रश्न- भाई और बहनका आपसमें कैसा व्यवहार होना चाहिये ? उत्तर- प्रायः भाईकी तरफसे ही गलती होती है। बहनकी तरफसे कम गलती होती है। अतः भाईका यह भाव रहना चाहिये…
प्रश्न- भाई और बहनका आपसमें कैसा व्यवहार होना चाहिये ? उत्तर- प्रायः भाईकी तरफसे ही गलती होती है। बहनकी तरफसे कम गलती होती है। अतः भाईका यह भाव रहना चाहिये…
प्रश्न- बहनोई और साले का आपस में कैसा व्यवहार होना चाहिये ? उत्तर- बहनोईका यह भाव होना चाहिये कि जैसे मेरेको मेरी स्त्री प्यारी लगती है, ऐसे ही मेरी स्त्रीका…
प्रश्न- बहनोई और साले का आपस में कैसा व्यवहार होना चाहिये ? उत्तर- बहनोईका यह भाव होना चाहिये कि जैसे मेरेको मेरी स्त्री प्यारी लगती है, ऐसे ही मेरी स्त्रीका…
प्रश्न – भौजाई (भाभी) और देवर का आपसमें कैसा व्यवहार होना चाहिये ? उत्तर – भौजाई सीताजीकी तरह और देवर भरतकी तरह व्यवहार करे। सीताजी भरतको पुत्रकी तरह समझती थीं।…
प्रश्न – भौजाई (भाभी) और देवर का आपसमें कैसा व्यवहार होना चाहिये ? उत्तर – भौजाई सीताजीकी तरह और देवर भरतकी तरह व्यवहार करे। सीताजी भरतको पुत्रकी तरह समझती थीं।…
प्रश्न – सास और बहू का आपस में कैसा व्यवहार होना चाहिये ? उत्तर- सासका तो यही भाव होना चाहिये कि यह अपनी माँको छोड़कर हमारे घरपर आयी है और…
प्रश्न – सास और बहू का आपस में कैसा व्यवहार होना चाहिये ? उत्तर- सासका तो यही भाव होना चाहिये कि यह अपनी माँको छोड़कर हमारे घरपर आयी है और…
प्रश्न – पति और पत्नी का आपस में कैसा व्यवहार होना चाहिये ? उत्तर-पति का यही भाव रहना चाहिये कि यह अपने माता-पिता, भाई आदि सबको छोड़कर मेरे पास आयी…