
हरिद्वार में स्थित आर्य वानप्रस्थ आश्रम उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है, जो अपने जीवन के बचे हुए समय को शांति, साधना और सेवा में बिताना चाहते हैं। यह आश्रम न केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए, बल्कि जीवन की जिम्मेदारियों को पूरा कर चुके लोगों के लिए भी एक नई शुरुआत प्रदान करता है। इसमें रहने के नियम, यहाँ की सुविधाएँ, आश्रम का वातावरण, जीवनशैली, और यहाँ होने वाली गतिविधियाँ सभी इस आश्रम को बेहद खास बनाते हैं। नीचे दी गई जानकारी इसी आश्रम की आधिकारिक स्रोत और वीडियो रिपोर्ट पर आधारित है।
आश्रम का इतिहास और स्थापना
आर्य वानप्रस्थ आश्रम का निर्माण वर्ष 1928 में हुआ था। तब से लेकर आज तक, आश्रम ने सैकड़ों लोगों को ध्यान, साधना, यज्ञ, सेवा, और सत्संग के माध्यम से एक शांतिपूर्ण जीवन जीने का अवसर दिया है। यहाँ पर लोग निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं और अपने जीवन को समाज के हित में लगा देते हैं। आश्रम के परिसर में हरे-भरे पेड़, साफ-सुथरा वातावरण, और प्राकृतिक हवाओं के साथ आज भी सुकून और शांति पाए जाते हैं।youtube
रहने के लिए योग्यता और नियम
उम्र का प्रावधान
- यहाँ पर रहने के लिए कम से कम उम्र 60 वर्ष होनी चाहिए।
- व्यक्ति को अपने सभी पारिवारिक उत्तरदायित्व पूर्ण करने के बाद ही यहाँ आना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, यदि संतानें हैं तो उनकी सभी जिम्मेदारियाँ, विशेषतः शादी, पूरी होनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति जबरदस्ती या घर से निकालकर यहाँ नहीं रह सकता। यह वृद्धाश्रम नहीं है, बल्कि वानप्रस्थ आश्रम है।youtube
रहने की प्रक्रिया
- पुरुष, महिला, या पति-पत्नी (दंपत्ति) के रूप में यहाँ रह सकते हैं।
- विधवा महिलाएँ, अकेले पुरुष या दंपत्ति, सभी योग्य हैं।
- यहाँ पर स्थायी रूप से रहने के लिए कम-से-कम तीन महीने तक आश्रम के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। इस दौरान प्रतिदिन सुबह-शाम ध्यान, यज्ञ में भाग लेना, मंत्रों का उच्चारण करना आवश्यक है।
- तीन महीने के बाद परीक्षा होती है, जिसमें मंत्रों, ध्यान आदि के बारे में पूछा जाता है।
- परीक्षा पास करने के बाद दीक्षा दी जाती है, नया नाम दिया जाता है (यति/आर्य) और कुटिया आवंटित की जाती है।youtube
कुटिया, सुविधाएँ और दान राशि
प्रकार और सुविधाएँ
- आश्रम में सैकड़ों कुटियाएँ उपलब्ध हैं, जिनमें रहने की विभिन्न श्रेणियाँ हैं।
- प्रत्येक कुटिया में पंखा, कूलर, किचन, बाथरूम, फ्रिज आदि जैसी सुविधाएँ मिलती हैं। कुछ कुटिया बड़ी हैं, जिनमें अतिरिक्त रूम, बड़ा किचन आदि सम्मिलित हैं।
- आश्रम परिसर में बहुत सारे पेड़ों की छांव और स्वच्छ वातावरण है।youtube
दान स्वरूप राशि
- कुटिया किराए पर नहीं दी जाती, न ही बेची जाती है।
- कुटिया प्राप्त करने के लिए एक बारदान स्वरूप अमाउंट (वर्तमान में लगभग डेढ़ लाख रुपये) जमा करना होता है। इसके बाद व्यक्ति आजीवन कुटिया में रह सकता है।
- इसके अतिरिक्त मेन्टेनेंस शुल्क और बिजली बिल अलग से देना होता है।youtube
भोजन और दैनिक जीवन
भोजन व्यवस्था
- आश्रम में भोजनालय है, जहाँ एक समय के भोजन के लिए केवल ₹30, नाश्ते के लिए ₹10 और चाय के लिए ₹5 देने होते हैं।
- यदि व्यक्ति स्वयं भोजन बनाना चाहता है, तो इसकी स्वतंत्रता है।
- शुरू के तीन महीने, जब व्यक्ति ट्रायल पीरियड में रहता है, तब ₹300 प्रतिदिन का चार्ज लिया जाता है, जिसमें आवास, भोजन आदि सम्मिलित होते हैं।youtube
अन्य आवश्यकताएँ
- व्यक्ति को स्वस्थ होना चाहिए, ताकि अपना काम स्वयं कर सके और आश्रम द्वारा दी गई जिम्मेदारी को निभा सके।
- यहाँ कोई सेवा कार्य मिले तो उसे निस्वार्थ भाव से निभाना जरूरी है।youtube
धार्मिक और योग गतिविधियाँ
- हर दिन सुबह-शाम यज्ञ का आयोजन किया जाता है।
- ध्यान, साधना, मंत्रोच्चारण, और सत्संग की विशेष व्यवस्था है।
- सत्संग भवन में नियमित रूप से धार्मिक चर्चाएँ और प्रवचन होते हैं, जहाँ सभी लोग भाग लेते हैं।
- यज्ञशाला आश्रम का मुख्य केंद्र है।youtube
गौशाला, चिकित्सालय और अन्य सेवाएँ
गौशाला
- आश्रम परिसर में एक गौशाला है, जिसमें 20 से ज्यादा गायें हैं।
- आश्रम के निवासियों को शुद्ध एवं ताजा दूध बिना बाहर गए मिल जाता है।
- गायों की देखभाल में आश्रम के निवासी भी भाग लेते हैं।youtube
चिकित्सालय
- आश्रम में एलोपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सक नियमित रूप से सेवा देते हैं।
- कोविड जैसी आपात स्थितियों के लिए अलग वार्ड एवं ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध है।youtube
प्रशासन, शाखाएँ और पहुँच
प्रशासन और शाखाएँ
- आश्रम का प्रशासन स्थानीय व्यवस्थाओं के पालन में सक्षम है। सेवक लोग निस्वार्थ भाव से इसे कायम रखते हैं।
- आश्रम की दो शाखाएँ हैं, दोनों ज्वालापुर क्षेत्र में स्थित हैं।
- शाखा नंबर एक के सामने ही दूसरी शाखा उपलब्ध है।youtube
स्थान और पहुँच
- आर्य वानप्रस्थ आश्रम हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में स्थित है।
- हरिद्वार रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर तथा ज्वालापुर स्टेशन से 1 किलोमीटर की दूरी पर है।
- स्टेशन से रिक्शा, ऑटो या विक्रम साधनों से आसानी से आश्रम तक पहुँचा जा सकता है।youtube
संपर्क और अधिक जानकारी
- आश्रम का वेबसाइट उपलब्ध है, जहाँ से विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- संपर्क नंबर वीडियो के डिस्क्रिप्शन में उपलब्ध है, जिससे इच्छुक व्यक्ति स्वयं कॉल करके जानकारी हासिल कर सकते हैं।youtube
विशिष्ट बातें और अनुभव
- यहाँ जीवन व्यतीत करना पूरी तरह से स्वैच्छिक है।
- आश्रम में सेवा, साधना, शांति, और ध्यान के सभी आयाम समाहित हैं।
- प्रत्येक नए सदस्य को नाम परिवर्तन, दीक्षा और आश्रम के नियमों के प्रति जागरूक किया जाता है।
- परिवार से अलग सभी जिम्मेदारियाँ पूरी करके आनंदित भाव से यहाँ रह सकते हैं।
- यहाँ रहें वाले सभी सदस्य जीवन में सेवा और परमार्थ को प्रधानता देते हैं।youtube
निष्कर्ष
आर्य वानप्रस्थ आश्रम, हरिद्वार, बुजुर्ग नागरिकों और समाज सेवा में समर्पित लोगों के लिए आजीवन शांति और भक्ति प्रदान करता है। यहाँ न केवल सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक आवास मिल सकता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होता है। यदि जीवन की जिम्मेदारियाँ पूरी हो गई हों और मन स्थिरता और साधना चाहता हो, तो यह आश्रम एक आदर्श विकल्प है। इसकी वेबसाइट और कांटेक्ट नंबर द्वारा और अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।youtube
यह लेख, आर्य वानप्रस्थ आश्रम की वास्तविक जानकारी, नियमों, सुविधाओं, निवास प्रक्रिया, वातावरण एवं धार्मिक सेवाओं पर आधारित है। इच्छुक व्यक्ति अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आश्रम से सीधे संपर्क कर सकते हैं।