नया टैक्स नियम: बड़े कैश ट्रांजैक्शन और कैश विदड्रॉल पर TDS

भारत सरकार ने हाल के वर्षों में कैश ट्रांजैक्शन्स पर निगरानी को बढ़ाने के लिए कई कड़े टैक्स नियम लागू किए हैं। इसका मकसद है फाइनेंशियल सिस्टम में पारदर्शिता लाना, काले धन पर रोक लगाना और डिजिटल ट्रांजैक्शन्स को बढ़ावा देना। इस संदर्भ में, 2025 में जिन नियमों में सबसे ज्यादा चर्चा है, वे हैं कैश विदड्रॉल पर TDS (टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स)। यह नियम आम लोगों, बिजनेसमैन, प्रोफेशनल्स और यहां तक कि पेंशनरों के लिए भी जरूरी हैं। इस विस्तृत लेख में, सभी संबंधित नियम, प्रक्रिया, बचाव के उपाय, कानूनी व्याख्या और लोगों की आम समस्याओं का विस्तार से विवेचन किया जा रहा है।youtube​

क्यों लगे कठोर नियम? सरकार की मंशा

सरकार अनेक सालों से कैश के सर्कुलेशन को कम करना चाहती है। जब भी आप बैंक से ज्यादा कैश निकालते हैं, सरकार जानना चाहती है कि उस पैसे का क्या उपयोग हो रहा है। इसका सरकारी मकसद है कि ज्यादा रकम की कैश निकासी की सूचना सीधे तौर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट तक पहुंचे ताकि कालेधन एवं टैक्स चोरी की संभावना रुक सके और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिले।

लोग आजकल ऑनलाइन बैंकिंग, UPI, NEFT, IMPS का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। इसीलिए सरकार चाहती है कि जितना ज्यादा संभव हो डिजिटल पेमेंट प्रणाली को अपनाया जाए। जो भी बड़ी रकम कैश में निकाली जाती है, उस पर सरकारी निगरानी जरूरी है। इसी कारण, बड़े कैश ट्रांजैक्शन पर TDS लागू किया गया है।

कैश विदड्रॉल पर TDS के नियम क्या हैं?

इन्कम टैक्स एक्ट की धारा 194N के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति या संस्था एक वित्त वर्ष में एक बैंक (या को-ऑपरेटिव बैंक/पोस्ट ऑफिस) से निर्धारित सीमा से ज्यादा कैश विदड्रॉ करता है, तो उस पर बैंक TDS काटता है। यह TDS कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं है, बल्कि एक एडवांस टैक्स की तरह है, जिसे बाद में रिटर्न फाइल करते समय एडजस्ट या रिफंड किया जा सकता है।youtube​

सीमा और रेट्स

  • यदि कुल राशि 20 लाख रुपये तक है: कोई TDS नहीं।
  • 20 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक (ITR फाइल किया है): कोई TDS नहीं।
    लेकिन, यदि आपने ITR नहीं फाइल किया है: 2% TDS लगेगा।
  • यदि निकासी 1 करोड़ से ज्यादा की है:
    • ITR फाइल किया है: 2% TDS।
    • ITR फाइल नहीं किया: 5% TDS।

यह नियम सभी बैंकों, को-ऑपरेटिव बैंकों और पोस्ट ऑफिस सविंग्स अकाउंट्स पर लागू होता है।

उदाहरण

अगर आपकी बैंक से साल भर में कैश विदड्रॉल कुल 25 लाख है और आपने पिछले तीन साल के ITR फाइल नहीं किए हैं, तो 5 लाख यानी (25L-20L) पर 2% यानी 10,000 रुपये TDS कटेगा। वहीं अगर 1.2 करोड़ निकाले और ITR नहीं फाइल किए हैं, तो 20 लाख (1.2 करोड़-1 करोड़) पर 5% TDS यानी 1 लाख रुपये कटेगा।

TDS कैसे और क्यों कटता है?

TDS यानी टैक्स डिडक्शन एट सोर्स, दरअसल एक एडवांस टैक्स है जो बैंक आपके अकाउंट से काटकर सीधा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जमा करा देता है। इसका उद्देश्य बड़ा कैश फ्लो होते ही सरकार को उसकी जानकारी देना है।youtube​

आपको यह TDS कोई अतिरिक्त बोझ नहीं है। जब आप अपनी सालाना इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं तो यह TDS आपके क्रेडिट में एडजस्ट होता है या जरूरत हो तो रिफंड मिलता है। पर ध्यान दें, हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन की वजह से आपका स्क्रूटनी/नोटिस आने का चांस बढ़ जाता है।

ये नियम किन्हें लागू हैं? और कौन बाहर है?

यह नियम सभी व्यक्तियों, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF), कंपनियों, LLPs, ट्रस्ट, पार्टनरशिप फर्म, सोसाइटी आदि को लागू है।

  • केंद्रीय/राज्य सरकार, बैंकिंग कंपनी, को-ऑपरेटिव सोसायटी, पोस्ट ऑफिस, ऐसे संस्थान जिन्होंने नोटिफिकेशन द्वारा छूट प्राप्त की हो, वे बाहर हैं।
  • यदि कैश विदड्रॉल किसान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या चुने हुए सरकारी लाभार्थियों के लाभ के लिए है, उनपर भी यह TDS नहीं कटेगा।

कैश निकासी की ‘लिमिट’ कैसे तय होती है?

यह लिमिट वित्त वर्ष के लिए है – अप्रैल से मार्च के बीच। बैंक आपके पैन नंबर द्वारा आपके सभी खातों की निकासी को जोड़कर यह गणना करता है। यदि आपके एक ही बैंक में कई अकाउंट्स हैं, तो सभी अकाउंट्स से मिलाकर निकासी का आंकड़ा देखा जाएगा।

ध्यान दें, अगर आपके अलग-अलग बैंकों में अकाउंट्स हैं, तो हर बैंक अपनी लिमिट अलग से गिनती करेगा। लेकिन, पैन के आधार पर सरकार कभी भी इंटर-बैंक आंकड़े विश्लेषित कर सकती है।

जॉइंट अकाउंट और फैमिली को ट्रांसफर व्हाट अबाउट टैक्स?

समस्या तब आती है जब पेंशन या अन्य रकम जॉइंट अकाउंट में आती है और उसमें से बच्चे को ट्रांसफर की जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पेंशन आपकी माता जी के पैन में आ रही है और जॉइंट अकाउंट में भी फर्स्ट होल्डर वही हैं, तो रिटर्न भी माता जी को फाइल करनी है। रिटर्न फाइल करने के बाद वह राशि बेटे/बेटी को ट्रांसफर की जाती है तो यह गिफ्ट के रूप में टैक्स-फ्री होगा, बशर्ते गिफ्ट डीड या लिखित सबूत रखा गया हो (जैसे ईमेल या गिफ्ट डीड)।​

गिफ्ट और इनहेरिटेंस पर टैक्सेशन

यदि माता-पिता या अन्य ब्लड रिलेशन में गिफ्ट ट्रांसफर होता है, तो वह पूरी तरह टैक्स फ्री है। गिफ्ट पर टैक्स लागू नहीं है जब तक कि वह ब्लड रिलेशन के बीच हो (जैसे मां-बेटा, भाई-बहन आदि)।

विरासत (इनहेरिटेंस) के केस में, चाहे वह प्रॉपर्टी हो, गोल्ड, बैंक बैलेंस, शेयर या कोई भी संपत्ति, उसकी प्राप्ति के समय कोई टैक्स नहीं लगता। टैक्स का सवाल तब उठता है जब विरासत में मिली संपत्ति को आप बेचते हैं – उस समय आपकी लिगेसी कोस्ट ऑफ एक्विजिशन मानी जाएगी और कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।

मृत्यु और नॉमिनी को मिला पैसा

मृत्यु के बाद नॉमिनी/लीगल हीर को अकाउंट से जो रकम मिलती है, उस पर भी भारतीय टैक्स कानून में कोई टैक्स नहीं है। जैसे, किसी की डेथ हो जाने के बाद बैंक अकाउंट/FD/शेयर/गोल्ड नॉमिनी को ट्रांसफर होता है तो प्राप्ति के समय यह राशि पूरी तरह टैक्स-फ्री है। अलबत्ता, डिमाइज्ड व्यक्ति के अंतिम आय तक की रिटर्न फाइल करना जरूरी है।

रिटर्न न फाइल करने पर बढ़ेगा TDS

यदि आपने पिछले तीन सालों में ITR नहीं फाइल किया है, तो कैश विदड्रॉल वाली लिमिट काफी नीचे यानी 20 लाख तय हो जाती है। ऐसे में 20 लाख से ऊपर निकालने पर बैंक तत्काल 2% TDS काटेगा। एक करोड़ से ऊपर निकासी पर यह दर 5% है। यह केवल ऐसे लोगों पर लागू है जिन्होंने समय पर या पिछले जरूरी वर्षों की रिटर्न नहीं भरी है।

बचने के उपाय

  • हमेशा समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें।
  • बड़ी रकम ट्रांजैक्शन डिजिटली करें।
  • एक से ज्यादा बैंक खाते का इस्तेमाल संभलकर करें, नियमों के दायरे में रहें।
  • जितना संभव हो, कैश विदड्रॉल सीमित रखें।
  • जरूरत पड़ने पर गिफ्ट या फैमिली ट्रांसफर का सही रिकॉर्ड (written/email/gift deed) रखें।
  • taxation के लिए updates चेक करते रहें, प्रोफेशनल सलाह लें।youtube​

सीधा-सपाट जवाब: TDS कोई अतिरिक्त बोझ नहीं

TDS किसी भी तरह से सरकार द्वारा लगाया गया अतिरिक्त टैक्स नहीं है। यह आपकी सालाना इनकम टैक्स liability का हिस्सा है जो एडवांस में काटा जा रहा है। रिटर्न फाइल करते वक्त यदि आपकी टैक्स liability कम है या नहीं बनती तो यह पैसा आपको रिफंड भी हो जाता है।

कानून का दायरा कितना व्यापक

  • कैश ट्रांजैक्शन की रिपोर्टिंग जिम्मेदारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों की है।
  • बैंकिंग चैनल के जरिए जितनी निकासी की जाती है, वह पैन नंबर के साथ जुड़े होने की वजह से सरकार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को रिपोर्ट होती है।
  • एक बैंक में लिमिट अलग-अलग अकाउंट्स को जोड़कर देखी जाती है, लेकिन दूसरे बैंक में वह लिमिट अलग मानी जाएगी।
  • TDS तभी कटेगा जब एक बैंक की एक वित्त वर्ष में कुल निकासी लिमिट के पार पहुंचेगी।

लोगों की आम शंकाएं और समाधान

क्या कैश विदड्रॉल के ऊपर सीधे-सीधे टैक्स है?

नहीं, कोई सीधा टैक्स नहीं है, सिर्फ TDS कटता है जो एडजस्टेबल/रिफंडेबल है।youtube​

गिफ्ट की ट्रांसफर सही कैसे सिद्ध करें?

अगर गिफ्ट बेटी/बेटे को दी जा रही है तो गिफ्ट डीड बना लें या ईमेल और ट्रांजैक्शन का पूरा रिकॉर्ड रखें।

संयुक्त खाते और ITR किसका लगेगा?

अगर फर्स्ट होल्डर मां हैं, उनकी पेंशन है तो वही ITR फाइल करेंगी, पैसा बाद में बेटे को ट्रांसफर टैक्स फ्री है।youtube​

अगर किसी की मृत्यु के बाद नॉमिनी को अकाउंट का पैसा मिला तो?

यह विरासत है, उस पर कोई टैक्स नहीं लेकिन मृत व्यक्ति की अंतिम रिटर्न भरना जरूरी है।

हाई वैल्यू कैश निकासी में बैंक की भूमिका?

बैंक हर हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन की रिपोर्ट इनकम टैक्स विभाग को अपने सिस्टम द्वारा देता है।

भविष्य के लिए जरूरी सावधानियां

  • डिजिटल मोड में ट्रांजैक्शन को प्राथमिकता दें।
  • टैक्स नियमों की समय-समय पर जानकारी लेते रहें।
  • नियमों में बदलाव की सूचना पर प्रोफेशनल से सलाह लें।
  • कैश विड्रॉल्स की सीमा का ध्यान रखें और बड़े ट्रांजैक्शन के प्रमाण एकत्रित करें।

निष्कर्ष

बड़े कैश ट्रांजैक्शन पर सरकार की सख्ती और TDS कटौती की नीति फाइनेंशियल सिस्टम की पारदर्शिता और डिजिटाइजेशन की ओर बड़ा कदम है। यह आम नागरिक के लिए सिरदर्द नहीं बल्कि आँखें खोलने वाला मैकेनिज्म है ताकि फाइनेंशियल व्यवहार कानूनी और टैक्स फ्री रहे। परिवार में राशि ट्रांसफर, इनहेरिटेंस, गिफ्ट, और बैंक से जुड़ी हर प्रक्रिया को नियमों के मुताबिक निभाएं।

अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग के हर कदम पर विशेषज्ञ सलाह लेनी चाहिए और नए नियमों की जानकारी समय रहते इकट्ठा करनी चाहिए। इससे आप कॉम्प्लाइंट भी रहेंगे और बेकार के टैक्स विवादों से भी बच सकेंगे।

बैंकिंग सिस्टम, टैक्स रूल्स और परिवारिक फंड ट्रांसफर—तीनों की जानकारी एक साथ रखने से आप भविष्य में किसी भी फाइनेंशियल चैलेंज से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहेंगे।youtube​

  1. https://www.youtube.com/watch?v=vuNqTvqkdV0

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