पिछले 5 साल में PNB ने निवेशकों को कितना कमाया? 10 साल पहले जिसने PNB ख़रीदा, वह आज घाटे में है या मुनाफे में?
PNB शेयरों में 5 साल और 10 साल के निवेश रिटर्न का विश्लेषण। जानें क्यों 10 साल पहले निवेशक आज भी घाटे में हैं।
SHARE MARKET


पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में निवेश का सफर निवेशकों के लिए दो अलग कहानियाँ बयाँ करता है। पिछले 5 सालों में PNB के शेयरों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए निवेशकों को औसतन 23% सालाना रिटर्न दिया है। इसका मतलब है कि अगर आपने 5 साल पहले ₹10,000 का निवेश किया होता, तो आज आपका पोर्टफोलियो ₹28,150 के करीब होता। वहीं, 10 साल पहले निवेश करने वाले आज भी घाटे में हैं क्योंकि इस अवधि में शेयर की कीमतों में औसतन 3% सालाना की गिरावट दर्ज हुई है। ऐसे में ₹10,000 का निवेश आज घटकर मात्र ₹7,374 रह गया होता।
पिछले 5 साल: निवेशकों के लिए स्वर्णिम दौर
रिटर्न का गणित: 2019-2024 के बीच PNB के शेयरों ने 23% का चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) हासिल की। यह रिटर्न बैंक के वित्तीय सुधारों, बढ़ते मुनाफे और एसेट क्वालिटी में सुधार का नतीजा है।
मुनाफे में विस्फोटक वृद्धि: पिछले 5 सालों में PNB का शुद्ध मुनाफा 111% की CAGR से बढ़ा, जो बैंकिंग सेक्टर के औसत से कहीं अधिक है1।
डिविडेंड का लाभ: निवेशकों को बैंक की तरफ से लगातार डिविडेंड का भुगतान भी मिला, जिसका यील्ड 2.80% तक पहुँचा1।
10 साल पहले निवेश: आज भी नुकसान का साया
ऐतिहासिक गिरावट: 2015-2025 के बीच PNB शेयरों ने 3% सालाना की नेगेटिव CAGR दर्ज की। इसका मुख्य कारण नीरव मोदी घोटाला, कोविड-19 के दौरान बढ़े एनपीए और सरकारी नीतियों का असर रहा1।
वित्तीय संकट का दौर: 2018 में ₹11,400 करोड़ के घोटाले ने बैंक की क्रेडिबिलिटी को झटका दिया, जिसका असर शेयर प्राइस पर लंबे समय तक रहा। साथ ही, ग्रॉस एनपीए 2019 में 15% तक पहुँचने से निवेशकों का भरोसा डगमगाया।
PNB की मौजूदा वित्तीय सेहत: उम्मीद की किरण
मुनाफे में जबरदस्त उछाल: FY2025 में PNB का शुद्ध मुनाफा पिछले साल के मुकाबले 101% बढ़कर ₹16,630 करोड़ पर पहुँचा। यह सुधार एसेट क्वालिटी में सुधार और प्रोविजनिंग कम होने का नतीजा है1।
ऋण गुणवत्ता में सुधार: मार्च 2025 तक ग्रॉस एनपीए घटकर 4.5% रहा, जबकि नेट एनपीए मात्र 0.5% पर सिमट गया। इससे बैंक की कमाई की क्षमता बढ़ी है1।
हालिया प्रदर्शन: Q4 FY2025 में बैंक का शुद्ध मुनाफा 51.7% बढ़कर ₹4,567 करोड़ हुआ, जो पिछले क्वार्टर के मुकाबले 1.3% की वृद्धि दर्शाता है1।
निवेशकों के लिए सबक
लॉन्ग-टर्म रिस्क: PNB का इतिहास दिखाता है कि सरकारी बैंकों में निवेश लंबी अवधि में उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है। हालाँकि, पिछले 5 सालों में बैंक ने टर्नअराउंड का जो सफर तय किया है, वह भविष्य के लिए उम्मीद जगाता है।
फंडामेंटल्स पर ध्यान: ROE 15.2% और P/E रेश्यो 6.41 जैसे मजबूत संकेत बताते हैं कि शेयर अभी भी वैल्यूएशन के लिहाज से सस्ते हैं।
भविष्य की चुनौतियाँ: ₹6.93 लाख करोड़ की आकस्मिक देनदारियाँ और प्रमोटर होल्डिंग में गिरावट जैसे कारक भविष्य के लिए रिस्क बने हुए हैं।
निष्कर्ष: PNB ने पिछले 5 सालों में निवेशकों को शानदार रिटर्न देकर अपनी वापसी का ऐलान किया है। हालाँकि, 10 साल का नजरिया बताता है कि घोटाले और आर्थिक मंदी जैसे झटकों का असर लंबा हो सकता है। निवेशकों को बैंक की बदलती वित्तीय तस्वीर और भविष्य की रणनीतियों पर नजर रखनी चाहिए।
#PNBStock #InvestmentReturns #BankingStocks #पीएनबीशेयर #निवेशविश्लेषण