सेविंग्स अकाउंट होल्डर्स को बड़ा झटका: जून 2025 में SBI, HDFC Bank, ICICI Bank ने घटाई ब्याज दरें
जून 2025 में SBI, HDFC Bank और ICICI Bank ने सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरों में कटौती कर दी है। जानिए नई दरें, इसका आपके बचत पर असर और बेहतर रिटर्न के लिए विकल्प।
FINANCE


परिचय
अगर आपकी बचत SBI, HDFC Bank या ICICI Bank में है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। जून 2025 में देश के सबसे बड़े बैंकों ने सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती कर दी है, जिससे करोड़ों खाताधारकों की कमाई पर सीधा असर पड़ा है। यह बदलाव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद आया है, जिससे बैंकों ने डिपॉजिट्स पर मिलने वाले रिटर्न को घटा दिया है।
RBI की रेपो रेट कटौती और उसका असर
पिछले पांच महीनों में RBI ने तीन मौद्रिक नीति बैठकों में कुल 100 बेसिस पॉइंट्स (1%) की कटौती की है। इसका सीधा असर बैंकों की डिपॉजिट और लोन दरों पर पड़ा है। जहां लोन लेने वालों को सस्ती EMI का फायदा मिला, वहीं सेविंग्स अकाउंट होल्डर्स को कम ब्याज दरों का नुकसान झेलना पड़ा है।
SBI, HDFC Bank, ICICI Bank: नई ब्याज दरें
1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
नई ब्याज दर: 2.5% प्रति वर्ष (सभी बैलेंस पर समान दर)
लागू तिथि: 15 जून 2025
पहले: 10 करोड़ से कम बैलेंस पर 2.7% और 10 करोड़ या उससे अधिक पर 3% ब्याज मिलता था123।
अब चाहे आपके खाते में 10,000 रुपये हों या 10 करोड़, सभी को एक जैसी 2.5% सालाना ब्याज मिलेगी। इससे बड़े डिपॉजिटर्स को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, क्योंकि पहले उन्हें ज्यादा ब्याज मिलता था।
2. एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
नई ब्याज दर: 2.75% प्रति वर्ष (सभी बैलेंस पर)
लागू तिथि: 10 जून 2025
पहले: 50 लाख से कम पर 2.75% और 50 लाख या उससे अधिक पर 3.25% ब्याज मिलता था।
अब सभी खाताधारकों को 2.75% ब्याज ही मिलेगा, चाहे उनका बैलेंस कितना भी हो।
3. आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
नई ब्याज दर: 2.75% प्रति वर्ष (सभी बैलेंस पर)
लागू तिथि: 12 जून 2025
पहले: 50 लाख से कम पर 2.75% और 50 लाख या उससे अधिक पर 3.25% ब्याज मिलता था।
अब सभी खाताधारकों को 2.75% ब्याज ही मिलेगा, जिससे बड़े डिपॉजिटर्स की कमाई में सीधी कटौती हुई है।
क्यों हुई ब्याज दरों में कटौती?
RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों की फंडिंग कॉस्ट घटी है, जिससे उन्होंने लोन सस्ते किए हैं।
बैंकों को डिपॉजिट्स पर ज्यादा ब्याज देने की जरूरत नहीं रही, इसलिए सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरें घटा दी गईं124।
बैंकों ने अब स्लैब आधारित ब्याज दरों की जगह यूनिफॉर्म रेट लागू कर दी है, जिससे सभी खाताधारकों को एक जैसी दर मिलेगी।
खाताधारकों पर असर
कम ब्याज: अब सेविंग्स अकाउंट में जमा पैसे पर कम ब्याज मिलेगा, जिससे आपकी कमाई घटेगी।
बड़े डिपॉजिटर्स को ज्यादा नुकसान: पहले जिनके खाते में ज्यादा बैलेंस था, उन्हें ज्यादा ब्याज मिलता था। अब सभी को एक जैसी कम दर मिलेगी।
इन्फ्लेशन का असर: कम ब्याज दरों के कारण आपकी बचत की रियल वैल्यू घट सकती है, क्योंकि महंगाई दर आमतौर पर 5-6% रहती है।
क्या करें खाताधारक?
1. विकल्पों की तलाश करें
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): कुछ बैंकों में FD पर सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा ब्याज मिल सकता है।
लिक्विड फंड्स: म्यूचुअल फंड्स के लिक्विड फंड्स में निवेश कर सकते हैं, जहां रिटर्न थोड़ा बेहतर हो सकता है।
Recurring Deposit (RD): रेगुलर सेविंग्स के लिए RD भी एक विकल्प है।
2. छोटे बैंकों की दरें देखें
कुछ छोटे बैंक जैसे RBL, Federal Bank, IndusInd Bank अभी भी सेविंग्स अकाउंट पर 3% से 6.75% तक ब्याज दे रहे हैं, हालांकि इनमें रिस्क भी ज्यादा हो सकता है।
3. निवेश में विविधता लाएं
अपनी पूरी बचत एक ही बैंक या प्रोडक्ट में न रखें। FD, म्यूचुअल फंड्स, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स आदि में निवेश बांटें।
विशेषज्ञों की राय
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेविंग्स अकाउंट को सिर्फ लिक्विडिटी के लिए इस्तेमाल करें, न कि रिटर्न के लिए14।
बेहतर रिटर्न के लिए FD, म्यूचुअल फंड्स, या अन्य निवेश विकल्पों पर विचार करें।
इमरजेंसी फंड के लिए सेविंग्स अकाउंट में 3-6 महीने का खर्च रखें, बाकी पैसे बेहतर रिटर्न वाले विकल्पों में लगाएं।
निष्कर्ष
जून 2025 में SBI, HDFC Bank और ICICI Bank द्वारा सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरों में कटौती से करोड़ों खाताधारकों की कमाई पर असर पड़ा है। अब सभी को कम ब्याज मिलेगा, जिससे बचत की रियल वैल्यू घट सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने पैसे को सही जगह निवेश करें और बेहतर रिटर्न के लिए विकल्पों की तलाश करें।
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