पीपीएफ, एनएससी और छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें ऐतिहासिक निचले स्तर पर? सरकार अगले हफ्ते लेगी फैसला
Will PPF, NSC and small savings schemes see historic low interest rates? Govt to review and decide next week. Know what investors should do now.
FINANCE


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प्रस्तावना
देश के करोड़ों निवेशकों के लिए छोटी बचत योजनाएं जैसे पीपीएफ, एनएससी, सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम, और सुकन्या समृद्धि योजना एक भरोसेमंद निवेश विकल्प रही हैं। इन योजनाओं की ब्याज दरें हर तिमाही सरकार द्वारा तय की जाती हैं। लेकिन 2025 की दूसरी तिमाही में आर्थिक माहौल में आए बदलाव और रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती के चलते अब सवाल उठ रहे हैं—क्या ये योजनाएं ऐतिहासिक निचले स्तर की ब्याज दरों की ओर बढ़ रही हैं? सरकार 30 जून 2025 को इन योजनाओं की नई ब्याज दरों की घोषणा करेगी, जो जुलाई-सितंबर 2025 के लिए लागू होंगी।
ब्याज दरों की मौजूदा स्थिति
फिलहाल, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) 7.10% की दर से ब्याज दे रहा है। नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) पर 7.7% और सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) तथा सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर 8.2% ब्याज मिल रहा है। ये दरें 2024 की दूसरी तिमाही से अब तक स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि, बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इसमें बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
ब्याज दरें कैसे तय होती हैं?
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें तय करने के लिए सरकार श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों का पालन करती है। समिति के अनुसार, इन योजनाओं की ब्याज दरें संबंधित अवधि के सरकारी बॉन्ड (G-sec) की सेकेंडरी मार्केट यील्ड के आधार पर तय की जाती हैं, जिसमें 25 बेसिस पॉइंट्स (0.25%) का स्प्रेड जोड़ा जाता है1। उदाहरण के लिए, मार्च 2025 से जून 2025 के बीच 10-वर्षीय सरकारी बॉन्ड की औसत यील्ड 6.325% रही। इसमें 25 बेसिस पॉइंट्स जोड़ने पर पीपीएफ की नई दर 6.575% बनती है, जबकि फिलहाल यह 7.10% है।
क्यों घट सकती हैं ब्याज दरें?
2025 में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में तीन बार कटौती की है—फरवरी में 0.25%, अप्रैल में 0.25% और जून में 0.50%। कुल मिलाकर, रेपो रेट में 1% की कटौती हो चुकी है। इसका सीधा असर बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) दरों और सरकारी बॉन्ड यील्ड्स पर पड़ा है, जो अब नीचे आ गई हैं। जब रेपो रेट और बॉन्ड यील्ड गिरती हैं, तो छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें भी घट सकती हैं।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
2021 में सरकार ने पीपीएफ की दर को घटाकर 6.4% कर दिया था, जो 46 वर्षों में सबसे कम थी। हालांकि, बाद में इसमें कुछ बढ़ोतरी हुई। यह उदाहरण बताता है कि सरकार बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए ब्याज दरों में बड़ा बदलाव कर सकती है।
विशेषज्ञों की राय
वित्त विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार की प्राथमिकता आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है, जिसके लिए सस्ती कर्ज दरें जरूरी हैं। ऐसे में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती की संभावना प्रबल है। हालांकि, अंतिम फैसला सरकार की तिमाही समीक्षा और आर्थिक हालात पर निर्भर करेगा।
निवेशकों के लिए सलाह
जो निवेशक इन योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह सलाह दी जाती है कि वे 30 जून 2025 से पहले निवेश कर लें। ऐसा करने पर उनकी जमा राशि पर मौजूदा ऊंची ब्याज दर लॉक हो जाएगी, जो बाद की कटौती से प्रभावित नहीं होगी। हालांकि, पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं में ब्याज दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं, इसलिए वहां भविष्य में दरों में कमी का असर पड़ सकता है।
आगे क्या?
सरकार 30 जून 2025 को इन योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करेगी। जुलाई-सितंबर 2025 के लिए नई दरें 1 जुलाई से लागू होंगी। यदि बाजार की मौजूदा प्रवृत्ति जारी रही, तो ब्याज दरों में कटौती लगभग तय मानी जा रही है। ऐसे में निवेशकों को जल्द निर्णय लेना चाहिए।
निष्कर्ष
पीपीएफ, एनएससी और अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें ऐतिहासिक निचले स्तर की ओर बढ़ सकती हैं। सरकार की आगामी समीक्षा में दरों में कटौती की पूरी संभावना है, खासकर जब बॉन्ड यील्ड और रेपो रेट दोनों ही नीचे आ चुके हैं। निवेशकों के लिए यह समय है सतर्कता बरतने का—अगर आप इन योजनाओं में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो मौजूदा दरों पर निवेश करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
"Investors may consider locking into current Small Savings Scheme rates before the revision. Additionally, as interest rates trend lower, long-duration debt funds and target maturity bonds become more attractive for investors seeking to preserve real returns in a softening rate environment."
— Shinghal, Financial Expert
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें हर तिमाही बदलती हैं?
हाँ, सरकार हर तिमाही इन योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है।
2. अगर दरें घट गईं, तो पुराने निवेश पर क्या असर पड़ेगा?
जिन योजनाओं में निवेश की गई राशि लॉक हो जाती है (जैसे टाइम डिपॉजिट), वहां पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं में नई दरें लागू होंगी।
3. क्या अभी निवेश करना फायदेमंद रहेगा?
अगर आप मौजूदा ऊंची ब्याज दरों का लाभ उठाना चाहते हैं, तो 30 जून 2025 से पहले निवेश करना बेहतर रहेगा।
निष्कर्ष (Summary)
बाजार की मौजूदा चाल और आर्थिक संकेतकों को देखते हुए, पीपीएफ, एनएससी और अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें ऐतिहासिक निचले स्तर की ओर बढ़ सकती हैं। सरकार की आगामी समीक्षा निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। ऐसे में, समय पर फैसला लेना आपके निवेश को सुरक्षित और लाभकारी बना सकता है।
Source:
Economic Times Wealth