क्यों कार में आग लगी भून गए, क्यों ट्रैन एक्सीडेंट, प्लेन क्रैश, ब्लास्ट में होती हैं दर्दनाक मौतें Why the car caught fire, why painful deaths happen in train accident, plane crash, blast

क्यों हो जाते है अपंग, क्यों होती है अकाल मृत्यु, कैसे रोक सकते है आप अपनी अकाल मृत्यु why they become crippled Why does premature death happen, how can you stop your premature death

SPRITUALITY

Dheeraj Kanojia

8/11/20235 min read

क्यों कार में आग लगी भून गए, क्यों ट्रैन एक्सीडेंट, प्लेन क्रैश, ब्लास्ट में होती हैं दर्दनाक मौतें, क्यों हो जाते है अपंग

क्यों होती है अकाल मृत्यु, कैसे रोक सकते है आप अपनी अकाल मृत्यु

रोड एक्सीडेंट, ट्रैन एक्सीडेंट और प्लेन क्रैश, बम ब्लास्ट पर आमतौर से हम लोग अफ़सोस व्यक्त करते है. हजारो लोग इस तरह के हादसे के शिकार होते हैं. हमारे करीबी भी इसका शिकार हुए हैं. मैं भी अब तक ऐसा ही अफ़सोस व्यक्त करता था. लेकिन जब से से मैंने संतो का सत्संग किया तो मुझे इस बारे में जो बात पता लगी, उससे मेरे होश उड़ गए. सत्संग में जो बात बताई गई उसको मैंने तुरंत अपने और अपने परिवार में अमल में लाया.

वृन्दावन धाम के राधा केलि कुंज के महाराज जी ने 13 जुलाई 2023 को एक सत्संग किया. इसका आप वीडियो यू टूब चैनल श्री हित राधा कृपा पर देख सकते है. वीडियो का हैडिंग था- सावधान! तुम्हारे एक एक सेकंड का हिसाब होगा.

सत्संग में महाराज जी ने विस्तार से आहार की शुद्धता पर बात की थी.

महाराज जी का कहना है कि हमारे देश में जहाँ कभी तलवार (मुग़ल और ब्रिटिश काल के दौरान) की नोंक पर भी अभक्ष पदार्थ (मांस) नहीं खाते थे और अपना शरीर त्याग कर देते थे , वहां अब वही चीज पैसा देकर खा रहे है. देख लो, अपनी बुद्धि को देख लो.

वह अध्यात्म को समझने पर जोर देते है. वह कहते है, बुद्धि को यह माया नहीं सुधारती है, अध्यात्म सुधारता है, भगवत मार्ग सुधारता है, भगवत मार्ग आत्मानंद है,

महाराज जी कहते है की ये रसेन्द्री (जीभ स्वाद ) तुम्हे नष्ट कर देगी.

महाराज जी इसको दुर्भाग्यपूर्ण बताते है कि अभक्ष पदार्थो के प्रचार अभियान से लोगों के दिमाग में बैठा दिया है कि इन चीजों को खाने से ताकत आती है, वहीँ खुद को पढ़ा लिखा समझने वाले लोग यह सच मानने लगे है.

वह कहते है- बुद्धि मलिन है. बहुत ग्रेजुएट समझते है, बहुत पढ़े लिखे समझते हैं और सोचते हैं कि इससे बल बढ़ेगा, शारीरिक बल भी तभी काम आता है, जब बुद्धि बल प्रवीण हो, बुद्धि बल प्रवीण नहीं तो शारीरिक बल का विशेष महत्व नहीं होता.

तुम काल को शरीर से नहीं जीत सकते हो. तुम प्रारब्ध (पूर्व जन्म के कर्म) को शरीर से नहीं जीत सकते हो. बहुत सावधान. सब देख लो विवेक के द्वारा देखो जरा जगत में क्या हो रहा है.

भगवन नाम, भगवत चरणाश्रित बुद्धि इस जगत में भी आनंद प्राप्त करके परमानंद में जाती है. मान लीजिये.

कितनी ग्रहणीत बुद्धि हो रही है, भला किसी दूसरे के शरीर को काट करके खाने से तुम्हे सुख मिलेगा, तुम स्वस्थ रहोगे, तुम चिंता रहित हो जाओंगे शोक रहित हो जाओंगे।

जिन्दा पशु को ऐसे (हाथ से इशारा करते हुए) बांधके नीचे से आग लगा रहे है, एक एक सेकंड का हिसाब होगा आपका. एक एक सेकंड का. कैसे होगा ?

बस में बैठे जा रहे हैं, बारात में, सब मस्त हैं. अचानक आग लग गई. सब भून गए, जल गए ,पूरी तरह. एक्सीडेंट हुआ, मर गए, पूरी बस खाई में गिरी, सब खाई में.

जा रहे हैं भगवान् के दर्शन करने. पैर फिसला गिर गए, टूट गया, दोष देंगे भगवान् का. भले आज तुम सत्कर्म की तरफ कदम बढ़ा रहे हो, लेकिन तुमने पहले क्या क्या कर्म किये. तुम्हे कभी होश रहा है, जिस जीव को काटा है, उसमें परमात्मा है, उसे धीमी धीमी आग में भूंज रहे हो, ये ब्याज सहित मिलेगा चिंता मत करो.

जब ब्याज सहित वो मिलेगा तब तुम कहोगे, भगवान् बहुत बुरा करते है.

खेती है, जो बोगे वो ही काटोगे. एक दाना सौ दाना देता है. एक तुम्हारा कर्म जो एक मिनट दूसरे को कष्ट दिया, 100 मिनट तुम्हे कष्ट देगा.

रसेन्द्री की केवल वृति पूर्ण करने के लिए जीवो की हत्या विष के समान है. मान जाइए, हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं. आप हमारी आत्मा है, आप हमारे है, अगर किसी को भी कष्ट देने की बात सोचेंगे तो तुमको हिसाब भोगना पड़ेगा।

भगवान हजारो नेत्रों से तुम्हे देख रहा है, किसी के साक्ष्य देने की जरुरत नहीं, वो देख रहा है, इसलिए क्यों कहा जाता है भगवान् को अर्पित करो क्योंकि तुम्हारी हिम्मत नहीं पड़ेगी अभक्ष पदार्थ भगवान् के सामने रखने की.

सात्विक पदार्थ ही भगवान् को भोग लगाओगे। तो भगवत अर्पित समस्त दुखो का नाश करेगा, स्वाद भी मिलेगा, स्वस्थ भी बनेगा, पुण्य भी बनेगा, पाप भी नष्ट होंगे, लाभ ही लाभ हो गया. यही समझाने के लिए सत्संग भगवत प्रेमी महातम जन सत्संग के माध्यम से इस जगत को अमृत पान कराते है.

महाराज ने एक अन्य सत्संग में कहा था कि चमड़े से बनी चीजे इस्तेमाल करने वाले लोगो को भी उतना ही पाप लगता है, जितना पशुओ को मारके चमड़ा निकालने वाले को पाप लगेगा.

अगर आपको पढ़ने में कुछ दिक्कत आई है या आप महाराज जी के श्री मुख से यह सत्संग सुन्ना चाहते है तो क्लिक करे

अगर आप पूरा पढ़ेंगे तो आपका फायदा होगा, महाराज जी की बात हमने शब्द दर शब्द आपके सामने रखी है. कुछ समझ नहीं आये तो वीडियो देखे.

https://youtu.be/9GTVZO-3qv8

Why the car caught fire, why painful deaths happen in train accident, plane crash, blast, why they become crippled

Why does premature death happen, how can you stop your premature death

We usually express regret on road accident, train accident and plane crash, bomb blast. Thousands of people are victims of such accidents. Even our close ones have fallen prey to it. Till now I too used to express the same regret. But ever since I attended the satsang of saints, I was blown away by what I came to know about this. I immediately implemented what was told in the satsang in myself and my family.

Maharaj ji of Radha Keli Kunj of Vrindavan Dham did a satsang on 13 July 2023. You can watch its video on YouTube channel Shri Hit Radha Kripa. The heading of the video was - Beware! Every second of yours will count.

In the satsang, Maharaj ji talked in detail on the purity of diet. He had said about those who like non-vegetarian food –

where they(people that time) never used to eat non-vegetarian food (meat) even at the point of a sword and used to sacrifice their bodies, now they (nowdays non vegeterian people) are eating it by paying money. Look, look at your intelligence. In which religion, which path do you consider yourself to be following, where people were offered this (non veg) at the point of a sword, they would have sacrificed their life and their throat cut. Now here you are eating by paying money, you are eating by paying money, you are eating the same thing, where did your intelligence go, you heard that some ruler is attacking. Thousands of mothers entered the flames together, it is good to enter the flames, but do not accept the touch of the unrighteous. What a wisdom.

Now Where is our intellect reaching today, if you do not understand spirituality, then this illusion does not improve the intellect.

Spirituality improves intellect, Bhagvat Marg improves it. Bhagvat Marg is Atmanand, not 'Par' but it is 'Swaha'. It is very difficult to understand, it is very easy to preach, it is easy to listen to the sermon. It is very difficult to be situated on 'Swaha'. That's why we slip on the enjoyments of the present.

Great men are ordering, these sensual desires will destroy you, this rasendri (tongue taste) will destroy you. Today this intelligence becomes so eclipsed. What do you want to get from Rasendri, what is it, which gives a lot of strength and what has been magnified and instilled in people's intellect. Do you see what's inside it? Wisdom is dirty. That's why many graduates, many educated people understand and think that this will increase strength, physical strength is also useful only when the strength of the intellect is proficient, if the strength of the intellect is not proficient, then physical strength does not have much importance.

You cannot conquer time with the body. You cannot win the destiny (karma of previous birth) with the body. very careful! Look at everything, look at what is happening in the world through discretion.

The name of God, the intellect dependent on the feet of God attains bliss even in this world and goes to ecstasy. Assume.

How eclipsed is the intellect, if you cut someone else's body and eat it, you will get happiness? you will be healthy? you will become worry-free?you will become sorrow-free?

By tying a live animal like this (gesturing with hand), you are setting it on fire from below, your every second will be accounted for. One-One second. How it will happen ?

Sitting in the bus, in the procession, everyone is happy. Suddenly a fire broke out. All fried, burnt, completely. Accident happened, died, the whole bus fell in the ditch, all in the ditch.

Going to see hold place. The feet slipped and fell, this happened, it broke, they will blame God. Even though you are taking steps towards good deeds, but what deeds have you done in past. Do you ever feel conscious, there is God in him, what is the soul that is cut, what is suffering, you are roasting it in a slow fire,

Do not worry that you will get it with interest.

When you will get it with interest, at that time believe that you have reformed, even if in some guise, in some situation, when you will surely get it with interest, then that you would say that God does very bad, see what we did or what bad he did.

But you are not a trikalgya, are you completely…..be conscious. Come to your senses. It is farming, you will reap what you sow. One grain gives hundred grains. One of your actions which hurt others for one minute, will hurt you for 100 minutes. But it happens that when it is found, when it is not visible to everyone. If there was such a law that somebody abused something, then immediately someone got him four slaps. So the justice is done. But It is not like that, the case goes on for years, then somewhere there is a law for punishment, till then no one knows. As it happens here (earth), same is happend in the court of our God.

Killing of living beings just to fulfill the instinct of Rasendri is like poison.

Agreed, let's pray you with folded hands. You are our soul, you are ours, if you think of hurting anyone, then you will have to pay the account, no matter what you become, you become a recluse, you become disinterested, you become anything, you will have to suffer that with interest. . Yes, either the situation has become such that there is punishment in the body but it will not be experienced by you. That is the condition of Bhajan. But it will come, it will come in the body. When a butterfly was left with a thorn in its anus, a prong entered Rishi Mandav's anus, it was cut but not pulled out.

God is watching you with thousands of eyes, there is no need to give any evidence, He is watching, that's why it is said to offer to God because you will not have the courage to keep inedible things in front of God. Only pure things will be offered to God. it will destroyes of your all sorrows. You will get taste, you will become healthy, you will also become virtuous, your sins will also be destroyed, the benefit is only benefit. To explain this, That's Satsang Bhagwat lover Mahatma Jan makes this world drink nectar through satsang. That's why we have to take Satsang from Bhagwat lover Mahatmas for understanding these things. Sant Mahatams makes this world drink nectar to explain this thing through satsang.

Maharaj had said in another satsang that the people who use things made of leather also incur as much sin as the one who extracts the skin from animals by killing them.

If you have any difficulty in reading or you want to hear this satsang from Shri Mukh of Maharaj ji, then click

https://youtu.be/9GTVZO-3qv8