भगवान् जो जैसे करे, वैसे ही होने दो, उसी में तुम्हारा परम कल्याण है Whatever God does, let it happen, that is your ultimate welfare.
भगवान् पर अपना जीवन छोड़ के तो देखे भगवान् जो चाहे वो करे
SPRITUALITY
भगवान् जो जैसे करे, वैसे ही होने दो, उसी में तुम्हारा परम कल्याण है
भगवत्प्राप्ति का बड़ा सीधा रास्ता है_ ‘हमारे एकमात्र आधार भगवान् है, हमें बुद्धि, शक्ति कुछ भी नहीं है, हम उन्हीं पर निर्भर हैं- वे जो चाहे करें. ‘ऐसा हृदय से भाव कर लेना.
समस्त शक्तियों का स्त्रोत भगवान् से ही आरम्भ होता है.
हमारी कितनी भारी भूल है, कितना बड़ा प्रमाद है कि हम भगवान् के विचार के सामने अपना विचार रखते है, मानो भगवान् विचार भी करना नहीं जानते.
जो भगवान् की दया के सीधे प्रवाह को रोकना चाहता है, वह भारी भूल करता है.
भगवान् जो जैसे करे, वैसे ही होने दो, उसी में तुम्हारा परम कल्याण है.
रोगी कभी यह नहीं कहता कि हमें यह दवा दीजिये. वैध से यह भी नहीं पूछता कि यह दवा किस चीज से बनी है, बिना सोचे विचारे ले लेता है. वह निर्भर करता है वैद के निदान पर और विश्वास करता है उसकी योग्यता और सह्रदयता पर. परन्तु हम ऐसे अभागे है कि परमार्थ-पथ में हम अपना निदान आप करने बैठते है. ऐसा न करके केवल भगवान् पर विश्वास करने की ही आवश्यकता है.
जो भगवान् को नहीं मानता और मनमानी करता है, उसका कल्याण नहीं होता.
आरम्भ से ही भगवान् की दया पर, प्रेम पर, अनुग्रह पर अपना सारा का सारा जीवन छोड़ने वाले का, यहाँ का और वहां का सारा भार भगवान् संभाल लेते हैं.
सत्संग के बिखरे मोती’ पुस्तक की प्रथम माला से पाठ शुरू किया था. आज आगे की कर्म संख्या से आगे के उपदेश लिखे गए है.
श्री भाई जी (हनुमानप्रसादजी पोद्दार)- के दैनिक सत्संग में से लिखे नोट्स को गीता प्रेस की ओर से ‘सत्संग के बिखरे मोती’ पुस्तक में पेश किया गया है. इससे आपको बहुत ज्यादा फायदा मिलेगा.