चरणामृत और पंचामृत में अंतर क्या है..? What is the difference between Charanamrit and Panchamrit..?
What is Charanamrit?.. Rules for taking Charanamrit: What is Panchamrit ?
SPRITUALITY
चरणामृत और पंचामृत में अंतर क्या है..?
यह अतिमहत्वपूर्ण लेख महाराज जी नाम के ट्विटर हैंडल से लिया गया है. @maharaaj_g
मंदिर में या फिर घर पर जब भी कोई पूजन होती है, तो चरणामृत या पंचामृत दिया जाता हैं। मगर हम में से ऐसे कई लोग इसकी महिमा और इसके बनने की प्रक्रिया को नहीं जानते होंगे।
चरणामृत का अर्थ होता है भगवान के चरणों का अमृत और पंचामृत का अर्थ पांच अमृत यानि पांच पवित्र वस्तुओं से बना। दोनों को ही पीने से व्यक्ति के भीतर जहां सकारात्मक भावों की उत्पत्ति होती है, वहीं यह सेहत से जुड़ा मामला भी है।
चरणामृत क्या है..??
शास्त्रों में कहा गया है - अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशनम्। विष्णो पादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते।।
अर्थात : भगवान विष्णु के चरणों का अमृतरूपी जल सभी तरह के पापों का नाश करने वाला है। यह औषधि के समान है। जो चरणामृत का सेवन करता है उसका पुनर्जन्म नहीं होता है। कैसे बनता चरणामृत..?? तांबे के बर्तन में चरणामृत रूपी जल रखने से उसमें तांबे के औषधीय गुण आ जाते हैं। चरणामृत में तुलसी पत्ता और दूसरे औषधीय तत्व मिले होते हैं। मंदिर या घर में हमेशा तांबे के लोटे में तुलसी मिला जल रखा ही रहता है।
चरणामृत लेने के नियम :
चरणामृत ग्रहण करने के बाद बहुत से लोग सिर पर हाथ फेरते हैं, लेकिन शास्त्रीय मत है कि ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है। चरणामृत हमेशा दाएं हाथ से लेना चाहिए और श्रद्घा भक्तिपूर्वक मन को शांत रखकर ग्रहण करना चाहिए। इससे चरणामृत अधिक लाभप्रद होता है। चरणामृत का लाभ : आयुर्वेद की दृष्टि से चरणामृत स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार तांबे में अनेक रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है। यह पौरूष शक्ति को बढ़ाने में भी गुणकारी माना जाता है। तुलसी के रस से कई रोग दूर हो जाते हैं और इसका जल मस्तिष्क को शांति और निश्चिंतता प्रदान करता हैं। स्वास्थ्य लाभ के साथ ही साथ चरणामृत बुद्घि, स्मरण शक्ति को बढ़ाने भी कारगर होता है।
पंचामृत का अर्थ है.. 'पांच अमृत'। दूध, दही, घी, शहद, शक्कर को मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है। इसी से भगवान का अभिषेक किया जाता है। पांचों प्रकार के मिश्रण से बनने वाला पंचामृत कई रोगों में लाभ- दायक और मन को शांति प्रदान करने वाला होता है। इसका एक आध्यात्मिक पहलू भी है। वह यह कि पंचामृत आत्मोन्नति के 5 प्रतीक हैं। जैसे - ★ दूध - दूध पंचामृत का प्रथम भाग है। यह शुभ्रता का प्रतीक है, अर्थात हमारा जीवन दूध की तरह निष्कलंक होना चाहिए। ★ दही- दही का गुण है कि यह दूसरों को अपने जैसा बनाता है।दही चढ़ाने का अर्थ यही है कि पहले हम निष्कलंक हो सद्गुण अपनाएं और दूसरों को भी अपने जैसा बनाएं। ★ घी- घी स्निग्धता और स्नेह का प्रतीक है। सभी से हमारे स्नेहयुक्त संबंध हो, यही भावना है। ★ शहद- शहद मीठा होने के साथ ही शक्तिशाली भी होता है। निर्बल व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं कर सकता, तन और मन से शक्तिशाली व्यक्ति ही सफलता पा सकता है। ★ शक्कर- शक्कर का गुण है मिठास, शकर चढ़ाने का अर्थ है जीवन में मिठास घोलें। मीठा बोलना सभी को अच्छा लगता है और इससे मधुर व्यवहार बनता है। पंचामृत के लाभ : पंचामृत का सेवन करने से शरीर पुष्ट और रोगमुक्त रहता है। राधे राधे श्री हरिवंश
What is the difference between Charanamrit and Panchamrit..?
This very important article has been taken from the Twitter handle named Maharaj Ji. @maharaaj_g
Whenever any puja is performed in the temple or at home, Charanamrit or Panchamrit is given. But many of us may not know its glory and the process of its making.
Charanamrit means nectar of God's feet and Panchamrit means five nectars i.e. made of five sacred things. While drinking both of them generates positive emotions within the person, it is also a matter related to health.
What is Charanamrit?..?
It is said in the scriptures - Akaalmrityuharanam sarvavyadhivinashanam. Vishno Padodakam Pitva Punarjanma Na Vidyate.
Meaning: The nectar-like water of Lord Vishnu's feet destroys all kinds of sins. It is like medicine. One who consumes Charanamrit is not reborn. How is Charanamrit made?..? By keeping Charanamrit water in a copper vessel, it acquires medicinal properties. Charanamrit contains Tulsi leaves and other medicinal elements. Water mixed with Tulsi is always kept in a copper pot in the temple or home.
Rules for taking Charanamrit:
Many people touch their head after taking Charanamrit, but the classical opinion is that this should not be done. This increases the negative impact. Charanamrit should always be taken with the right hand and should be taken with devotion and with a calm mind. This makes Charanamrit more beneficial. Benefits of Charanamrit: From the point of view of Ayurveda, Charanamrit is considered very good for health. According to Ayurveda, copper has the ability to destroy many diseases. It is also considered effective in increasing masculine power. Many diseases are cured by Tulsi juice and its water provides peace and tranquility to the mind. Along with health benefits, Charanamrit Buddhi is also effective in enhancing memory power.
Panchamrit means 'five nectars'. Panchamrit is made by mixing milk, curd, ghee, honey and sugar. This is how God is anointed. Panchamrit made from the mixture of all five types is beneficial in many diseases and provides peace to the mind. There is also a spiritual aspect to it. That is, Panchamrit are 5 symbols of self-improvement. Like - ★ Milk - Milk is the first part of Panchamrit. It is a symbol of whiteness, meaning our life should be as pure as milk. ★ Curd- The quality of curd is that it makes others like us. The meaning of offering curd is that first we should be spotless, adopt virtues and make others like us. ★ Ghee- Ghee is a symbol of lubricity and affection. We should have loving relations with everyone, this is the feeling. ★ Honey- Honey is not only sweet but also powerful. A weak person cannot do anything in life, only a person who is strong in body and mind can achieve success. ★ Sugar- The quality of sugar is sweetness, offering sugar means adding sweetness to life. Everyone likes speaking sweetly and it results in sweet behaviour. Benefits of Panchamrit: Consuming Panchamrit keeps the body strong and disease free. Radhe Radhe Shri Harivansh