भगवान् से एक बार जुड़ना ही जीवन का सारा इतिहास बदल जाने का शुभ शकुन है
Connection to God, God saves us, God is only one, God bless u. God is great, God change life, God is truth.
बहुत पढ़े लिखे होने के कारण कोई विश्वास चाहे ना करे, परन्तु सत्य तो सत्य ही रहेगा. भगवान हैं और रहेंगे. उनका अनंत अपरिसीम आनंदमय चिद्विलास अनादिकाल से चलता रहा है, अनंतकाल तक चलता रहेगा. उस चिद्विलास में ही विश्व का प्रत्येक प्राणी जाने या अनजाने में समिल्लित है. समुन्द्र की लहर की तरह बन बनकर वह उठता है और उसी में विलीन हो जाता है यानी कि भगवान् के परम आनंदमय अंक में ही वह विभाजित था, है और रहेगा. उस अंक में ही उसकी सम्पूर्ण चेष्टा हो रही है. कल्पना करो, गर्भ में जब कोई बच्चा रहता है, तो पांचवे-छठे महीने के बाद उसके गर्भ में चलने की अनुभूति माँ को होने लगती है. उसका हिलना-डुलना चाहे कैसा भी हो, माँ में आनंद का संचार करता है. माँ उस गर्भस्थ संतान के सम्बन्ध में यह विचार नहीं करती की यह तो हमारा तिरस्कार करता है. वैसे ही हर भुत प्राणी निरंतर भगवान् के गर्भ में ही विलास कर रहा है. भगवान् के संकल्प में उसकी सम्पूर्ण चेष्ठाएं हो रही है और उस प्राणी के अनजाने में ही भगवान् के चिद्विलास प्रवाह बड़े व्यवस्थित ढंग से निरंतर चल रहा है और अनंतकाल तक चलता रहेगा. किन्तु जो प्राणी इसको जान लेता है, उसे एक अनिवर्चीन्य अचिन्त्य आनंद का अनुभव होता है.
वास्तव में यह जानना और न जानना भी भगवान् के सच्चिदानान्द्मय विलास का ही एक अंग है. सरल भाषा इसे यों समझना चाहिए- जिस क्षण किसी भी प्राणी ने एक बार भी किसी भी निमित्त झूठ मूठ ही भगवान् से सम्बन्ध जोड़ लिया, उस क्षण ही सचमुच अनादि अनंतकालीन जीवन भूमिका की एक नयी रूपरेखा निर्मित हो गई. यानी कि अब आगे चलकर वह अवश्य अवश्य उस प्राणी की भांति भगवान् के चिद्विलास के रहस्य को जान जाएगा, जो भगवान् के अंग में नित्य विराजित रहकर भगवान् के विलास का नित्य-निरंतर अनुभव करता हुआ परमानंद में निमग्न रहता है. भगवान् से एक बार जुड़ना ही जीवन का सारा इतिहास बदल जाने का मानो सचमुच सत्य, परम, मंगलमय शुभ शकुन है.